भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

हर आगजनी की घटना के बाद फायर सेफ्टी ऑडिट की होती है खानापूर्ति

  • नगरीय प्रशासन मंत्री आदेश देते हैं, लेकिन पालन नहीं करा पाते

भोपाल। जबलपुर के न्य लाइफ मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल में आगजनी की घटना के बाद सरकार ने एक बार फिर फायर सेफ्टी ऑडिट की जांच के आदेश दे दिए हैं। इससे पहले भी भोपाल के हमीदिया अस्पताल में आगजनी की घटना के बाद फायर सुरक्षा ऑडिट के आदेश दे चुकी है। इतना ही नहीं नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह शहर में आगजन की घटना के बाद आदेश देते हैं, लेकिन हर बार पालन नहीं करा पाते हैं। हालांकि जबलपुर की घटना के बाद सभी जिलों में फायर सेफ्टी ऑडिट पर बैठकें बुलाई गई हैं।
राजधानी के हमीदिया अस्पताल में 8 नवंबर 2021 को बच्चा यूनिट में आगजनी से 4 बच्चों की मौत हो गई थी। हालांकि मरने वालों की संख्या ज्यादा थी। तब सरकार ने अभियान चलाकर फायर से$फटी की जांच के आदेश दिए थे। पत्राचार की खानापूर्ति के बाद फायर सेफ्टी पर ध्यान ही नहीं दिया गया। इसी तरह कमर्शियल एवं आवासीय बिल्डिंगों में भी फायर सेफ्टी ऑडिट के आदेश जारी किए। इतना ही नहीं नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने भी फायर सेफ्टी ऑडिट के आदेश दिए थे। इसके बावजूद भी सिर्फ खानापूर्ति की गई। बाद में मंत्री ने भी इस पर ध्यान नहीं दिया। हालांकि फायर सेफ्टी के लिए जिम्मेदारी अफसर सिर्फ नोटिस जारी कर खानापूर्ति करते रहे।

कोरोना काल में खुले थे अस्पताल
्रप्रदेश में कोरोना काल में नए अस्पताल खुले थे। ये अस्पताल सभी मापदंड पूरा नहीं करते हैं। फिर भी मिलीभगत से संचालित हो रहे हैं। खास बात यह है आगजनी, इलाज में लापरवाही, आयुष्मान से इलाज में फर्जीवाड़ा समेत अन्य अनियमिताएं सामने आने के बाद ऐसे अस्पतालों पर कोई कार्रवाई नहीं होती है। जिले में सभी निजी अस्पतालों में फायर ऑडिस से लेकर सभी तरह के मापदंडों की पड़ताल करने की जिम्मेदारी जिला स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी की होती है।


अस्पताल संचालक पर गैरइरादतन हत्या का केस
भोपाल। जबलपुर के न्यू लाइफ मल्टी स्पेशयलिटी हॉस्पिटल में हुए भीषण अग्निकांड में 8 लोगों की मौत हुई है। अस्पताल के डायरेक्टर्स और मैनेजर के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का केस दर्ज कर लिया गया है। जबलपुर पुलिस ने डॉ. निशांत गुप्ता, डॉ. सुरेश पटेल, डॉ. संजय पटेल, डॉ. संतोष सोनी और मैनेजर राम सोनी के खिलाफ केस दर्ज किया है। मैनेजर को हिरासत में लिया गया है। साथ ही परमिशन देने वाले सरकारी अफसरों की भूमिका की जांच की जा रही है। यदि उनकी भूमिका मिली तो उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। जबलपुर के न्यू लाइफ अस्पताल में डॉ. सुरेश पटेल और डॉ. निशांत गुप्ता डायरेक्टर हैं।

अस्पताल में नहीं थे आग बुझाने के इंतजाम
जबलपुर पुलिस के मुताबिक, अस्पताल के डायरेक्टर और मैनेजर ने नर्सिंग होम के लिए जो फायर एनओसी ली थी, उसकी वैधता मार्च 2022 में समाप्त हो गई थी। प्रोविजनल फायर एनओसी में स्वीकृत प्लान के मुताबिक अस्पताल में अग्निशमन यंत्र स्थापित किया जाना था, लेकिन अस्पताल में आग बुझाने के लिए यंत्र नहीं लगे थे। न ही रेत की बाल्टियां थीं। न ही इमरजेंसी में बाहर निकलने के लिए कोई अतिरिक्त रास्ता चिन्हित था। अस्पताल प्रशासन ने बिल्डिंग के सौंदर्यीकरण के लिए जिस प्लास्टिक का इस्तेमाल किया था, उसने आग भड़काने का काम किया।

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