– पढ़े-लिखे लोग भी जांच करवाने से कतरा रहे
– कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए पहुंच रही मेडिकल टीमों को करना पड़ रही मशक्कत
इंदौर। शहर में लगातार कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। वहीं जो लोग संक्रमित हो रहे हैं, उनकी कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग का काम भी लगातार जारी है, लेकिन जब मेडिकल टीम कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए जाती है तो उसे कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। कई पढ़े-लिखे लोग भी स्वाब टेस्टिंग के लिए आनाकानी करते हैं। कई बार तो मेडिकल टीम को पुलिस की सहायता भी लेना पड़ रही है।
डॉ. शशिकांत मौर्य ने बताया कि हम पिछले दिनों समाजवादी इंदिरा नगर में कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए गए थे, जहां एक परिवार के कुछ लोग संक्रमित हुए थे। हम वहां पहुंचे तो आसपास के लोगों ने भगा दिया। किसी ने दरवाजा नहीं खोला तो कुछ परिवार वालों ने तो सही जानकारी भी नहीं दी और स्वाब टेस्ट भी नहीं करवाया। इसका नतीजा यह हुआ कि संक्रमित हुए परिवार के आसपास वालों में भी संक्रमण फैल गया। इसलिए 15 दिनों बाद हमें फिर वहीं जाना पड़ा और आसपास के सभी लोगों की टेस्टिंग की। जिन घरों में हम पहुंचे थे वहां सभी लोग अच्छे पढ़े-लिखे थे, पर उन्होंने सावधानी नहीं रखी और आसपास में मेलजोल जारी रखा।
नहीं होता अच्छा व्यवहार
शहर में जिस भी इलाके से पॉजिटिव मरीज निकलते हैं, उसके बाद संबंधित एरिया की मेडिकल टीम कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग के लिए आसपास के घरवालों के यहां पहुंचती है। मेडिकल टीम के डॉ. रामकिशोर व डॉ. तंजीम खान ने बताया कि हमारी टीमों के साथ अच्छा व्यवहार नहीं होता। टीम के इलाके में पहुंचने पर दरवाजे ही नहीं खोले जाते। लोग अपनी सही जानकारी भी नहीं बताते, जिससे ये लोग खुद को और अपने परिजनों को भी संकट में डाल रहे हैं। हम अपनी जान जोखिम में डालकर यह काम कर रहे हैं, लेकिन लोग हमारी मदद नहीं करते।
सामान्य लक्षण पर करते हैं घरेलू इलाज
डॉ. हेमंत सिंह ने बताया कि सिर्फ सामान्य खांसी या सर्दी होने पर लोग घरेलू उपाय कर रहे हैं और तीन-चार दिन तक दवाई लेने के बाद जब हालत ज्यादा खराब हो जाती है तो उन्हें हॉस्पिटल तक ले जाना पड़ रहा है। ऐसे में बहुत देर हो रही है। इसलिए थोड़े से भी लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। कुछ भी लक्षण दिखने पर फीवर क्लिनिक पर जाकर अपनी जांच करवाएं।