परमिट भी वाहन पोर्टल से ही होंगे जारी
इन्दौर। इंदौर सहित पूरे प्रदेश में कल से केंद्रीय परिवहन मंत्रालय (Union Ministry of Transport) के वाहन पोर्टल के माध्यम से वाहनों के फिटनेस और परमिट का काम शुरू होगा। इस व्यवस्था के लिए ट्रायल भी पूरा हो चुका है। आज इसे लेकर इंदौर में भी ट्रेनिंग होगी। नई व्यवस्था के बाद आवेदकों को कुछ समय परेशानी भी हो सकती हैं, क्योंकि सिस्टम पूरा ऑनलाइन होगा और इसके बाद में सालों से आरटीओ में काम करने वाले लोगों को भी ज्यादा जानकारी नहीं है।
परिवहन मंत्रालय (Ministry of Transportation) द्वारा पूरे देश में सभी वाहनों से जुड़े सभी काम एक ही सर्वर पर किए जाने के क्रम में प्रदेश में वाहन पोर्टल पर सभी कामों को शिफ्ट किया जा रहा है। वाहनों के रजिस्ट्रेशन के बाद अब अन्य कामों को भी नए सिस्टम पर ही शिफ्ट किया जा रहा है। इसके चलते कल से परिवहन विभाग कमर्शियल वाहनों के फिटनेस से लेकर वाहनों के परमिट से जुड़े कामों को भी वाहन पोर्टल पर शिफ्ट कर रहा है। परिवहन विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि नए सिस्टम की ट्रायल शुरू करने के लिए 6 मार्च से प्रदेश में लागू स्मार्ट चिप के सिस्टम को बंद कर दिया गया है और इंदौर को छोडक़र संभाग के सभी जिलों में इसका ट्रायल किया गया है। इसमें कोई परेशानी नहीं आई है, जिसके बाद
कल से इसे लागू किया जाएगा।
ना लोगों को ना अफसरों को सिस्टम की जानकारी
कल से प्रदेश में नया सिस्टम लागू तो हो रहा है, लेकिन यह सिस्टम कैसे काम करेगा, उसकी जानकारी ना तो अब तक आवदकों को है, ना ही विभाग के अधिकारी-कर्मचारी भी इससे ज्यादा वाकिफ हैं। नया सिस्टम कैसा होगा, इस बारे में विभाग के कर्मचारियों का कहना है कि वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जानकारी दी गई है, लेकिन सिस्टम कैसे काम करेगा और हमें कैसे काम करना है, यह तो सिस्टम शुरू होने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। अभी नया सिस्टम लागू ना होने और पुराना सिस्टम बंद होने के कारण फिटनेस और परमिट से जुड़े काम ऑफलाइन किए जा रहे हैं, जिसे ऑनलाइन सिस्टम के शुरू होने के बाद अपडेट किया जाएगा। आज भी आखिरी बार ऑफलाइन सिस्टम से ही ये काम होंगे।
ज्यादा सुरक्षित होगा नया सिस्टम
अधिकारियों का कहना है कि नया सिस्टम मौजूदा सिस्टम की अपेक्षा कहीं ज्यादा सुरक्षित होगा। इसमें वाहनों की सारी जानकारी उनका नंबर डालते ही सिस्टम अपने आप उठा लेगा। ठीक इसी तरह वाहन मालिक की जानकारी भी उसके आधार नंबर से अपने आप आएगी, साथ ही बीमा, पीयूसी जैसी जानकारी भी सिस्टम सीधे कंपनी से लेगा। इसके कारण कोई फर्जी दस्तावेज नहीं चल पाएगा और गलत कामों पर रोक लगेगी।
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