बड़ी खबर भोपाल न्यूज़ (Bhopal News) मध्‍यप्रदेश

दूसरे राज्यों के खाद्य मंत्रियों ने समझी मप्र में गेहूं उपार्जन

भोपाल। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (Prime Minister Garib Kalyan Anna Yojana) के अवसर पर शनिवार को आयोजित अन्न उत्सव में पधारे सात राज्यों के खाद्य मंत्रियों एवं विधायकों ने मध्यप्रदेश में गेहूं के बम्पर उपार्जन (bumper earnings) के साथ भंडारण एवं वितरण व्यवस्था को देखा और समझा। कार्यक्रम में उत्तराखंड के खाद्य मंत्री सुबोध उनियाल, अरूणाचल प्रदेश के मंत्री कमलुंग मोशांग, असम के मंत्री रंजीत कुमार दास, त्रिपुरा के कृषि मंत्री प्रंजीत राय, हिमाचल प्रदेश के खाद्य मंत्री राजेन्द्र गर्ग एवं सचिव पॉल वाशु एवं उनके प्रतिनिधि उपस्थित थे।

राज्य के खाद्य विभाग के प्रमुख सचिव फैज़ अहमद किदवई ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी प्रजेन्टेशन के माध्यम से दी। इस अवसर पर सभी अतिथियों का स्वागत किया गया।



 

2020-21 गेहूं उपार्जन में मध्यप्रदेश रहा टॉप पर

खाद्य संचालक एवं वेयर हाऊसिंग लॉजिस्टिक कार्पोरेशन के प्रबंध संचालक तरुण पिथोड़े ने बताया कि वर्ष 2020-21 में मध्यप्रदेश में 129.42 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उपार्जन किया था, देश में सर्वाधिक था। उन्होंने कहा कि यह और भी ज्यादा इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इस अवधि में कोरोना संक्रमण अपने तीव्रतम स्वरूप में था। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में इस वर्ष उपार्जन 128.16 लाख मीट्रिक टन के साथ पंजाब के बाद दूसरे स्थान पर रहा। उन्होंने बताया कि पिछले 7 वर्षो के उपार्जन का आंकलन करें तो मध्यप्रदेश ने लगभग डबल उपार्जन के नजदीक पहुंचा है। इस वर्ष सर्वाधिक 24 लाख 72 हजार किसानों ने उपार्जन के लिए अपना पंजीयन करवाया, जिसमें से 17 लाख 16 हजार किसानों से उनका अनाज उपार्जित किया गया।

 

उपार्जन की दृष्टि से प्रदेश में धान

 

नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने बताया कि इसी प्रकार धान उपार्जन के क्षेत्र में प्रदेश में विगत चार वर्षो की तुलना में वर्ष 2020-21 में सर्वाधिक 37 लाख मेट्रिक टन का उपार्जन किया गया। किसानों से 1868 रूपये एमएसपी पर धान क्रय की गई। एमएसपी विगत चार वर्षो की तुलना में सर्वाधिक सुनिश्चित की गई। वर्ष 17-18 से एमएसपी प्रतिवर्ष रूपये प्रति क्विंटल 1550,1750,1815 एवं 1868 क्रमश: वृद्धि होती गई।

 

अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष गेहूं उपार्जन के लिए लगभग 16 लाख किसानों को 25 हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। इसमें 25 करोड़ बारदानों में 95 ट्रांसपोटर्स के माध्यम से 8000 ट्रकों का उपयोग कर 2000 गोदामों में खाद्यान्न सुरक्षित रखवाया गया।

 

उपार्जन की प्रक्रिया स्टेप टू स्टेप

 

प्रबंध संचालक अभिजीत अग्रवाल ने गेहूं उपार्जन की प्रक्रिया के बारे में बताया कि किसानों का उपार्जन के लिए पंजीयन किया जाता है, उसके बाद उन्हें एसएमएस के माध्यम से उनके द्वारा पंजीकृत मात्रा में खाद्यान्न निर्धारित तिथि को विक्रय के लिए आमंत्रित किया जाता है। गेहूं उपार्जन के पश्चात परिवहन किया जाकर गोदाम में सुरक्षित रखा जाता है। खाद्यान्न की क्वॉलिटी चेक के बाद किसानों के खाते में ऑन लाइन भुगतान किया जाता है।

 

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