भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

6 साल से अधिक की सजा वाले गुनाहों में फोरेंसिक साक्ष्य अनिवार्य

  • केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा आईपीसी, सीआरपीसी में किया जाएगा संशोधन
  • हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल स्तर तक पुलिस को टेक्नोसेवी बनाना होगा

भोपाल। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा है कि 6 साल से अधिक की सजा वाले गुनाहों में फॉरेसिंग साक्ष्य जुटाना अनिवार्य किया जा रहा है। इसके लिए प्रशिक्षित मानव संसाधन आवश्यक है और फॉरेंसिक साईंस लेब की स्थापना की जा रही है। अब अंग्रेजों के जमाने की डंडे वाली पुलिस का युग समाप्त हो गया है। अब नॉलेज बेस्ड, एविडेंस बेस्ड और तर्क के आधार पर पुलिसिंग करना होगी। पुलिस के विज्ञान को बदलने की आवश्यकता है। शाह भोपाल में 48वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के शुभारंभ सत्र को संबोधित कर रहे थे। शाह ने जोर देते हुए कहा कि बीट, परेड की व्यवस्था और खबरी प्रणाली को पुनर्जीवित कर सशक्त करना होगा। पुलिस की उपस्थिति से कानून-व्यवस्था में सुधार आता है। बीट की पेट्रोलिंग महत्वपूर्ण है, यह जनता के बीच सुरक्षा और संतोष का भाव लाती है। पुलिस बल में पेशन का जज्बा निर्मित करना हम सबका दायित्व है। मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों के महानिदेशकों से कहा कि अपने-अपने राज्यों में दोनों विश्वविद्यालय के केन्द्र विकसित करें।


कोरोना काल के कार्यों के लिए पुलिस देश भर में प्रशंसा
शाह ने कहा कि पिछले वर्षों में देश और दुनिया ने भीषण बीमारी का सामना किया। इस कालखंड में देश की जनता ने पुलिस का मानवीय चेहरा और आपदा के समय पुलिस का व्यवहार देखा। इस आदर्श व्यवहार और सेवा के लिए समस्त पुलिस फोर्स का अभिनंदन है। देश के हर कोने से कोरोना काल में पुलिस द्वारा किए गए कार्यों की प्रशंसा सुनने को मिली। शाह ने कहा कि अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस का पुलिस व्यवस्था में दो कारणों से महत्वपूर्ण योगदान है। संवैधानिक व्यवस्था में पुलिस और आंतरिक सुरक्षा को राज्यों का विषय माना गया है।

अपराधियों से दो कदम आगे रहने कास्टेबल तक पहुंचे तकनीक
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अपराधी दुनियाभर की तकनीक से लैस होते जा रहे हैं। यह आवश्यक है कि पुलिस अपराधी से दो कदम आगे रहे। इसके लिए पुलिस को टेक्नोसेवी बनना होगा और प्रत्येक बीट, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल स्तर पर तकनीक के उपयोग में सिद्धहस्त होना होगा, अन्यथा हम नए प्रकार के अपराधों पर नियंत्रण प्राप्त नहीं कर सकेंगे। इसके लिए बी.पी.आर. एण्ड डी ने एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराया है। विभिन्न प्रशिक्षण सत्रों के माध्यम से पिछले दस साल में इस दिशा में कार्य हो रहा है। देश की आंतरिक चुनौतियों और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस महत्वपूर्ण है और इस प्रकार के आयोजन आवश्यक है।

10 राज्यों की रणनीति बनाएं पुलिस प्रमुख
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सभी पुलिस इकाइयों को दस साल की रणनीति विकसित कर उसकी निरंतर समीक्षा की व्यवस्था स्थापित करने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि अधिकारी बदलते रहें, परंतु समस्या के प्रति पुलिस की रणनीति में कोई बदलाव न हो। वर्तमान में कई अपराध ऐसे आ रहे हैं, जिन पर पुलिस के आधुनिकीकरण, आवश्यक प्रशिक्षण, अन्य राज्यों और इकाइयों के साथ समन्वय और आधुनिकतम तकनीक के कुशल उपयोग के बिना नियंत्रण पाना संभव नहीं है। नार्कोटिक्स, नकली करेंसी, हवाला, सायबर क्राइम, हथियारों की तस्करी आदि का समाधान, रणनीति की एकरूपता से ही संभव होगा।

फोटो इन्फो से

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