उज्जैन। उज्जैन सहित प्रदेश के सभी वन क्षेत्रों में गिद्ध गणना को लेकर शासन ने शेड्यूल जारी किया हैं। फरवरी में वन विभाग जिले के वन क्षेत्रों में तीन दिन और अप्रैल में एक दिन गिद्धों की तलाश करेगा।
उज्जैन में नगण्य है गिद्ध…
उज्जैन में पहले भी गिद्ध कि गणना हो चुकी हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछली तीन बार की गिद्धों की गणना में गिद्धों की संख्या नगण्य मिली। बता दें कि जिधर गणना हर 2 साल में की जाती थी, मगर कोरोना काल के बाद गिद्धों की गणना 2021 में हुई थी तब भी उज्जैन वन मण्डल में गिद्धों की संख्या शून्य बताई गई थी। इसके बाद पिछले साल 2024 में गणना की गई तब गिद्धों की संख्या शून्य बताई गई थी।
गिनती में उड़ते हुए गिद्ध शामिल नहीं…
गिद्धों की गणना के लिए सभी वनमंडल के वन कर्मियों को ट्रेंनिग दी जाती है। गिद्धों की गिनती के लिए चिन्हित जगहों पर सुबह 6 बजे के पहले पहुंचना होता है। गणना 8 बजे तक की जाती है। गिद्धों की गणना में सिर्फ जमीन या पेड़ों पर बैठे गिद्धों को ही शामिल किया जाता है। उड़ते हुए गिद्धों की गिनती नहीं की जाती। गिद्ध गणना के दौरान गिनती के लिए उनकी तस्वीरें भी ली जाती है, जिससे पता चल सके कि गिनती में शामिल गिद्ध कौन-सी प्रजाति के है।
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