img-fluid

गिद्ध तलाशेगा वन विभाग, उज्जैन में एक भी नहीं बचा

  • February 04, 2025

    • पिछली बार की गणना में नहीं मिला था एक भी गिद्ध, इस बार 6 से ज्यादा वन क्षेत्रों में जाएगी टीम-फरवरी में लगातार तीन दिन और अप्रैल में एक दिन का शेड्यूल जारी

    उज्जैन। उज्जैन सहित प्रदेश के सभी वन क्षेत्रों में गिद्ध गणना को लेकर शासन ने शेड्यूल जारी किया हैं। फरवरी में वन विभाग जिले के वन क्षेत्रों में तीन दिन और अप्रैल में एक दिन गिद्धों की तलाश करेगा।



    उल्लेखनीय है कि साल 2025 में उज्जैन सहित प्रदेश के सारे वन मण्डलों में गिद्धों की गिनती तय तारीखों और तय समय पर एक साथ की जाएगी। इसको लेकर जिला वन विभाग उज्जैन ने तैयारी पूरी कर ली हैं। प्रदेश के सभी वन मण्डलों में फरवरी में लगातार 3 दिन और अप्रैल माह में सिर्फ एक दिन 29 अप्रैल को गणना होगी। गणना के पहले वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों सहित स्थानीय बर्ड लवर्स एनजीओ में 1 दिन गणना की जाएगी। उज्जैन वन विभाग के डीएफओ पी डी गेब्रियल ने बताया कि फरवरी माह में गिद्धों की गिनती 17 से शुरू होकर 18 और 19 तारीख तक चलेगी। इसके अलावा अप्रैल माह में सिर्फ एक दिन 29 अप्रैल को गणना होगी। गणना के पहले वन विभाग के कर्मचारियों और अधिकारियों सहित स्थानीय बर्ड लवर्स एनजीओ को गिद्धों की गिनती करने की ट्रेनिंग देने का सिलसिला शुरू हो गया है। उज्जैन जिले में वन विभाग 6 से ज़्यादा स्थानों पर गिद्धों की तलाश करेगा। इसमें नौलखी बीड़, भूतिया, केसुनी, पिपलिया, गुनाई, पाटपाला आदि वन क्षेत्र विशेष रूप से शामिल हैं।

    उज्जैन में नगण्य है गिद्ध…
    उज्जैन में पहले भी गिद्ध कि गणना हो चुकी हैं। आंकड़ों पर नजर डाले तो पिछली तीन बार की गिद्धों की गणना में गिद्धों की संख्या नगण्य मिली। बता दें कि जिधर गणना हर 2 साल में की जाती थी, मगर कोरोना काल के बाद गिद्धों की गणना 2021 में हुई थी तब भी उज्जैन वन मण्डल में गिद्धों की संख्या शून्य बताई गई थी। इसके बाद पिछले साल 2024 में गणना की गई तब गिद्धों की संख्या शून्य बताई गई थी।

    गिनती में उड़ते हुए गिद्ध शामिल नहीं…
    गिद्धों की गणना के लिए सभी वनमंडल के वन कर्मियों को ट्रेंनिग दी जाती है। गिद्धों की गिनती के लिए चिन्हित जगहों पर सुबह 6 बजे के पहले पहुंचना होता है। गणना 8 बजे तक की जाती है। गिद्धों की गणना में सिर्फ जमीन या पेड़ों पर बैठे गिद्धों को ही शामिल किया जाता है। उड़ते हुए गिद्धों की गिनती नहीं की जाती। गिद्ध गणना के दौरान गिनती के लिए उनकी तस्वीरें भी ली जाती है, जिससे पता चल सके कि गिनती में शामिल गिद्ध कौन-सी प्रजाति के है।

    Share:

    आज सुबह गोपाल मंदिर और दानीगेट क्षेत्र में मटमैला तथा बदबूदार पानी आया

    Tue Feb 4 , 2025
    नलों से आए पानी की नागरिकों ने बर्तनों भरकर शिकायत की उज्जैन। पुराने शहर में पिछले दो दिनों से लोग मटमैले पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। नलों में पानी इतना गंदा आ रहा है कि उसमें बदबू आ रही है। बावजूद पीएचई विभाग के अफसर इसको लेकर गंभीरता नहीं दिखा रहे है। गौरतलब […]
    सम्बंधित ख़बरें
    खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives

    ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved