नई दिल्ली । भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की पूर्व प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) ने सुप्रीम कोर्ट (SC) का रुख करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के उस आदेश को चुनौती दी है, जिसमें उनकी अग्रिम जमानत याचिका (Anticipatory Bail plea) खारिज कर दी गई थी। पूजा खेडकर पर आरोप है कि उन्होंने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और दिव्यांगजन (PwD) के लिए आरक्षित कोटा का फर्जी तरीके से लाभ उठाकर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) परीक्षा पास की।
खेडकर ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में जिन दस्तावेजों और आवेदन पत्रों का उल्लेख किया गया है, वे पहले से ही अभियोजन पक्ष के पास हैं, इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ की आवश्यकता नहीं है। याचिकाकर्ता ने यह भी तर्क दिया कि उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वे एक अविवाहित दिव्यांग महिला हैं।
खेडकर ने यह भी कहा कि उनकी नियुक्ति फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवाओं में हुई थी, जिससे उन्हें ऑल इंडिया सर्विसेज एक्ट और रूल्स के तहत सुरक्षा मिलती है। उन्होंने दावा किया कि दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत भी उन्हें तब तक संरक्षण प्राप्त है, जब तक उनके खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हो जाते।
UPSC ने रद्द की चयन प्रक्रिया
खेडकर के खिलाफ आरोप सामने आने के बाद यूपीएससी ने उनकी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया और उन्हें “CSE-2022 के नियमों का उल्लंघन” करने का दोषी मानते हुए भविष्य में सभी परीक्षाओं और चयन प्रक्रियाओं से स्थायी रूप से प्रतिबंधित कर दिया। इसके बाद यूपीएससी की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने खेडकर के खिलाफ मामला दर्ज किया। खेडकर ने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी। 12 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने उन्हें अंतरिम सुरक्षा दी थी, लेकिन 23 दिसंबर 2024 को कोर्ट ने इसे रद्द कर दिया।
हाईकोर्ट के फैसले का हवाला
दिल्ली हाई कोर्ट के जज चंद्रधारी सिंह ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह मामला बनता है कि खेडकर ने ओबीसी और दिव्यांग कोटे का अनुचित लाभ उठाने के लिए यूपीएससी को धोखा दिया। अदालत ने कहा कि जांच में यह सामने आया कि खेडकर इन लाभों के लिए योग्य नहीं थीं और उन्होंने अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर दस्तावेजों में हेराफेरी की। अब खेडकर ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीम कोर्ट में यह मामला सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है, जहां यह तय होगा कि खेडकर को अग्रिम जमानत मिलती है या नहीं।
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