जम्मू (Jammu)। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (DPAP) प्रमुख गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) जबसे कांग्रेस से अलग हुए उसी समय से कुछ ना कुछ ऐसे बयान देते रहते हैं जो मीडिया सुर्खियों में बने रहते हैं। इस बार उन्होंने कहा कि “इस्लाम बहुत बाद में आया है, हिुदू धर्म उससे पहले से विद्यमान है, लेकिन अब सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने हिंदू और मुसलमाओं की एकता के संबंध में वह बयान दिया था।
मुसलमान यहां बाहर से नहीं आए, बल्कि यहां के लोग ही, हिंदू ही मतांतरित होकर मुसलमान बने हैं।” जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad ) के इस बयान पर खूब सियासत हुई। वहीं, अब उन्होंने इस पर सफाई पेश की है। गुलाम नबी आजाद का कहना है इस्लाम प्रेम और पैगाम के जरिए आया है।
पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हाल ही मैंने एक भाषण दिया था, जिसे पूरा रिकॉर्ड नहीं किया गया। इस वजह से कुछ लोगों के बीच गलतफहमी हो गई। मैं हिंदुस्तान में हिंदुओं व मुसलमानों की स्थिति के बारे में बोल रहा था।
आजाद ने आगे कहा कि “मैं हमेशा तर्क देता रहा हूं कि बहुत कम मुसलमान बाहर से आए हैं। ज्यादा संख्या हिंदुस्तानी मुसलमानों की है। इस्लाम न तो हमारे देश में और न ही इस दुनिया में तलवार के जरिए नहीं आया, बल्कि प्रेम और पैगाम के जरिए आया है। बदकिस्मती से इन चीजों को रिकॉर्ड नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि मैंने उसमें यह भी बताया था कि हिंदू धर्म पुराना है। यह हकीकत है कि इस्लाम ने यहां जन्म नहीं लिया, बल्कि यहां पर फैला। जैसे की दुनिया में इस्लाम फैला। लेकिन इस बात को रिकॉर्ड नहीं किया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने सफाई देते हुए आगे कहा कि अगर इस्लाम को सही मायनों में देखें तो इस्लाम दुनिया में हजरत-ए-आलम के जमाने से शुरू हुआ। इस्लाम कयामत तक जिंदा रहेगा। आज जिस इस्लाम को हम मानते हैं वो करीब पंद्रह सौ साल पहले से शुरू होता है।
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