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ताउते को देखते हुए गुजरात में बढ़ाया मिनी लॉकडाउन

गांधीनगर/अहमदाबाद । गुजरात में ‘ताउते’ तूफान (‘Toute’ storm in Gujarat) के बाद गांधी नगर राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (Emergency Operations Center) में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। यहां पुलिस, एनडीआरएफ समेत हर विभाग के प्रतिनिधि मौजूद हैं। जब तूफान राज्य के तट से टकराया था तब मुख्यमंत्री विजय रूपाणी कंट्रोल रूम (Chief Minister Vijay Rupani Control Room) में थे।



इसके बाद उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिग (Video conferencing) के माध्यम से मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अगल तीन दिनों- मंगलवार, बुधवार और गुरुवार तक मिनी लॉकडाउन (Mini lockdown) यथावत रहेगा। क्योंकि इस दौरान तूफान की स्थिति के मद्देनजर प्रशासन व्यस्त है। इन प्रतिबंधों के दौरान सभी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी। इनमें किराना स्टोर, सब्जी, फल और फल स्टोर, मेडिकल स्टोर, मिल्क पार्लर, बेकरी, किराना स्टोर और तमाशा की दुकानें शामिल हैं। इसी तरह 36 शहरों में सभी उद्योग, निर्माण इकाइयाँ, कारखाने और निर्माण गतिविधियां जारी रहेंगी।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सभी प्रकार की निर्माण/औद्योगिक इकाइयों एवं कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली इकाइयों को जारी रखने तथा श्रमिकों को किसी प्रकार की असुविधा न होने देने एवं उनके कर्मचारियों के लिए परिवहन जारी रखने का निर्णय लिया गया है। इस बीच, कोविड-19 दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें। एपीएमसी राज्य भर में केवल सब्जियां और फल खरीदना और बेचना जारी रखेगी।

सीएम कंट्रोल रूम में केंद्र से प्रदेश में आये तूफान पर नजर रखेंगे। उनके साथ कंट्रोल रूम में मुख्य सचिव अनिल मुकीम, स्वास्थ्य सचिव जयंती रवि और अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार हैं। फिलहाल कंट्रोल रूम में बड़ी स्क्रीन लगाई गई है। इससे पूरे प्रभावित क्षेत्र की सैटेलाइट सूचना और वीडियो कांफ्रेंसिंग की भी सुविधा होगी।

अतिरिक्त मुख्य सचिव पंकज कुमार ने कहा कि इस समय गुजरात के तटीय इलाकों में बारिश शुरू हो गई है और हवा भी चल रही है। तूफान के बाद कल तक वलसाड से दीव तक के इलाकों में भी भारी बारिश की संभावना है। इसी तरह सौराष्ट्र के गुरसोमनाथ, जूनागढ़, अमरेली और भावनगर जिलों में तेज हवाएं चल रही है, जबकि भरूच, आणंद, बोटाद, खेड़ा, मोरबी, दक्षिण अहमदाबाद, देवभूमि और द्वारका जिलों में भी तेज हवा चलने की संभावना है।
उन्होंने बताया कि तेज हवा के कारण राज्य में अबतक कुल 629 बिजली गुल हो चुकी है। इनमें से 474 शिकायतों का निस्तारण कर आपूर्ति बहाल कर दी गई है। ऐसी घटनाओं से तत्काल निपटने के लिए राज्य सरकार ने विशेष कार्ययोजना तैयार की है। ऐसी घटनाओं से तत्काल निपटने के लिए रैपिड रेस्टोरेशन रिस्पांस टीम-आरआरआर बनाने के निर्देश दिए गए हैं। टीम में 661 बिजली इकाई, सड़क एवं भवन विभाग की 287 इकाई, वन विभाग की 276 इकाई और राजस्व विभाग की 367 इकाई शामिल है। उन्होंने कहा कि पूर्वव्यापी प्रभाव से 492 डी-वाटरिंग पंप स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि संभावित रूप से प्रभावित तटीय जिलों में कोई नागरिक या पशुधन नहीं मारे जाने के लिए अंतिम तैयारी को अंतिम रूप दिया गया है। अब तक 17 जिलों के 840 गांवों के दो लाख लोगों को 2045 विभिन्न आश्रयों में स्थानांतरित किया गया है। सबसे अधिक प्रभावित पांच जिलों पोरबंदर, जूनागढ़, गिरसोमनाथ, अमरेली और भावनगर से 1.25 लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। गुजरात की एक भी नाव इस समय समुद्र में नहीं है। 19811 मछुआरे समुद्र से लौटे हैं। 11,000 से अधिक अगरयाओं को निकाला गया है।

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