देश में महिलाओं के कोरोना वैक्सिनेशन के आंकड़ों ने केंद्र सरकार को चिंता में डाल दिया है। वैक्सीन की कम से कम पहली डोज लगाने के मामले में भारत लगभग अपनी आधी आबादी को कवर करने के करीब है। ऐसे में देश में वैक्सीन लगवाने के मामले में महिलाओं के आंकड़ों में कमी चिंताजनक है। खासकर कि उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में जहां पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के वैक्सिनेशन आंकड़ों में काफी अंतर है। वहीं केरल और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में वैक्सिनेशन के मामले में पुरुषों के मुकाबले महिलाएं आगे हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक देश में वैक्सीन की अब तक लगभग 52.2 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं। इनमें से 46 फीसदी डोज महिलाओं को दी गई है। केंद्र सरकार के एक सीनियर अधिकारी के अनुसार, “देश में इस समय पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में वैक्सिनेशन के आंकड़ों में 7 से 8 फीसदी का गैप है। देश में महिला और पुरुषों की जनसंख्या अनुपात में ज्यादा अंतर नहीं है। इसलिए वैक्सिनेशन का ये गैप बहुत ज्यादा है। पुरुषों और महिलाओं में वैक्सिनेशन का ये अंतर 2 से 3 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए।
केंद्र सरकार बना रही है डेडिकेटेड कैंपेन की योजना
कोविड-19 के लिए बनाए गए नेशनल एक्स्पर्ट ग्रुप फ़ॉर वैक्सीन एड्मिनिस्ट्रेशन (NEGVAC) ने पिछले हफ्ते इस मसले को लेकर बैठक की थी। इसके बाद अब केंद्र सरकार महिलाओं में वैक्सिनेशन के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी के लिए डेडिकेटेड कैंपेन चलाने की तैयारी कर रही है। अधिकारियों के अनुसार, इस कैंपेन के लिए केंद्र सरकार Unicef और सभी राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम करेगी।
अधिकारियों के अनुसार अप्रैल महीने तक पुरुषों और महिलाओं में वैक्सिनेशन का ये अंतर 10 फीसदी था। जो अब घटकर 7 से 8 फीसदी तक आ गया है। हालांकि इसके मुख्य कारण गर्भवती महिलाओं में वैक्सिनेशन की शुरुआत है। 30 जुलाई तक देश में 2।3 लाख गर्भवती महिलाओं को कोविड वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है।
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