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द‍िल्‍ली में कल से लागू हो सकते हैं ‘ग्रैप’ न‍ि‍यम, इन सभी उपायों का करना होगा पालन

नई द‍िल्‍ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) से निपटने को लेकर केजरीवाल सरकार पूरी तरह से गंभीर है. सर्द‍ियों के मौसम में द‍िल्‍ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्‍ता इतनी खराब हो जाती है क‍ि लोगों का घरों से न‍िकलना मुश्‍क‍िल हो जाता है. इसके चलते कई बड़े कदम भी उठाए जाते रहे हैं. इसी कड़ी में अब द‍िल्ली सरकार की ओर से अभी से ही वायु प्रदूषण से न‍िपटने के ल‍िए कड़े कदम उठाए जाने की तैयारी की जा रही है.

एचटी में प्रकाशित र‍िपोर्ट के मुताब‍िक बताया जाता है क‍ि वायु प्रदूषण को रोकने और न‍िपटने को सभी एहत‍ियातन कदम उठाने के ल‍िए कल शन‍िवार 1 अक्‍टूबर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR), द‍िल्‍ली में संशोधित ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) (Graded Response Action Plan) न‍ियमों को लागू क‍िए जाने की संभावना है. इसके तहत सभी जरूरी प्रतिबंध लगने शुरू हो जाएंगे. इस बीच देखा जाए तो ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (Graded Response Action Plan) लागू होने के बाद प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए उन सभी पर कड़ी नजर रखी जा सकेगी.

बताया जाता है क‍ि जब दिल्ली में वायु प्रदूषण का लेवल कुछ ट्रिगर बिंदुओं पर पहुंच जाता है, तो ग्रैप प्रतिबंधों की एक सूची निर्धारित की जाती है और वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के बिगड़ने पर प्रतिबंध और सख्त हो जाते हैं. वहीं वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) की ओर से गत 13 जुलाई को एक अपडेटेड प्‍लान भी जारी क‍िया गया था. इसमें साफ क‍िया गया क‍ि वायु गुणवत्ता सूचकांक को ध्‍यान में रखा जाएगा न केवल PM2.5 और PM10 को ट्र‍िगर प्‍वाइंट के रूप में प्रत‍िबंधों के ल‍िए अहम माना जाएगा.

ग्रैप न‍ियमों की माने तो पहले उपाय के अंतर्गत बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में डीजल जनरेटर सेट के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया जाता है. यह न‍ियम एक्यूआई लेवल के 201 पर पहुंचने के बाद पर प्रभावी हो जाता है. स्टेज 2 तब प्रभावी होता है जब यह “बहुत खराब” (301 और 400 के बीच), स्टेज 3 “गंभीर” (401 और 450 के बीच) होता है, और स्टेज 4 जब एक्यूआई “गंभीर प्लस” (450 से ऊपर) होता है.


जानकारी के मुताब‍िक दिल्ली का एक्यूआई लेवल गुरुवार को 151 (मध्यम) दर्ज किया गया था. वहीं एक अक्टूबर को अगले दो दिनों में एक्यूआई लेवल के पूर्वानुमान के साथ ‘मध्यम’ श्रेणी में रहने की संभावना है. द‍िल्‍ली में प्रदूषण लेवल के बढ़ने की संभावना को देखते हुए संशोध‍ित ग्रैप न‍ियमों को लागू क‍िए जाने की तैयारी है.

माना जा रहा है क‍ि प्रदूषण का लेवल 2 अक्‍टूबर को खराब श्रेणी के करीब पहुंच सकता है. पूर्व चेतावनी प्रणाली (ईडब्ल्यूएस) की माने तो 2 अक्टूबर को ‘खराब’ श्रेणी में पहुंचने के बाद अगले द‍िन 3 अक्टूबर को इसी तरह की संभावना जताई गई है. हालांक‍ि 4 अक्टूबर से एक बार फिर से हवा की गुणवत्ता में सुधार होने की उम्मीद जताई जा रही है.

ग्रैप न‍ियमों के तहत फेज-1 या प्रदूषण की ‘न‍िम्‍न’ श्रेणी में जो उपाय बताए गए हैं उनमें सड़कों पर मशीनों के जर‍िए साफ-सफाई और पानी का छिड़काव करने वाली एजेंसियां ​​शामिल की गई हैं. वहीं राज्य सरकार के ‘वेब पोर्टल’ पर रज‍िस्‍टर्ड नहीं होने वाली 500 वर्ग मीटर वाली बड़ी साइट्स पर निर्माण व तोड़फोड़ के कार्य पर रोक लगाना शाम‍िल है. वहीं, डीजल जनरेटर सेट को बिजली आपूर्ति के नियमित स्रोत के रूप में उपयोग नहीं करके केवल बैक-अप के रूप में अनुमति दी जाती है.

धूल और C&D वेस्ट के लिए गाइड लाइन

  • 500 वर्गमीटर के प्लॉट या इससे प्लॉट पर कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर रोक
  • नियमों के मुताबिक कचरे को उठाना और निस्तारण
  • बाहर या खुले में कचरा न फैले, खुले में कचरे न जलाए जाएं
  • सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग और पानी का छिड़काव
  • जहां भी सीएंडडी वेस्ट पड़ा हो वह प्रापर तरीके से ढका हो
  • कंस्ट्रक्शन साइटों पर एंटी स्मॉग गन आवश्यक
  • ट्रैफिक को चलाने के लिए प्रत्येक चौराहे पर यातायात कर्मी की तैनाती
  • प्रदूषण फलाने वाले वाहनों पर हैवी पैनल्टी लगाई जाए
  • पटाखों के जलाने पर रोक

स्टेज 2 AQI 301 से 400 होने पर

  • मैनेनिकल और वैक्यूम बेस्ड स्वीपिंग
  • शहर की सड़कों पर वाटर स्प्रीपिंकल से छिड़काव
  • होटल व रेस्टोरेंट में तंदूर, कोल पर प्रतिबंध
  • इसेंसिएल सर्विस को छोड़कर जनसेट पर रोक
  • पार्किंग फीस को बढ़ाकर ताकि लोग घरों से अपने वाहनो से नहीं निकले
  • मेट्रो , सीएनजी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट को बढ़ाया जाए

स्टेज 3 AQI 401 से 450 तक होने पर

  • एनसीआर में कंस्ट्रक्शन और डिमोलिशन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी जाएगी
  • पीएनजी पर इंडस्ट्री आपरेट कराई जाए न की फ्यूल पर
  • हॉट मिक्सिंग प्लांट से लेकर ब्रिक क्रेक्स प्लांट पर प्रतिबंध
  • माइनिंग एक्टिविटी पर प्रतिबंध

हालांकि, सबसे कठोर श्रेणी चरण IV है, जिसमें AQI के 451 या उससे अधिक को छूने के पूर्वानुमान के साथ, दिल्ली में ट्रकों के प्रवेश पर रोक, दिल्ली में पंजीकृत मध्यम और भारी माल वाहनों पर प्रतिबंध, डीजल चार पहिया वाहनों के चलने पर प्रतिबंध लगाना शाम‍िल है. राज्य सरकारों सहित निर्माण और विध्वंस (सी एंड डी) गतिविधियों पर प्रतिबंध, स्कूलों, कॉलेजों, शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने और वाहनों को सम-विषम आधार पर चलाने जैसे अतिरिक्त उपाय क‍िया जाना शाम‍िल है.


र‍िपोर्ट के मुताब‍िक पिछले साल अक्टूबर माह में छह ‘खराब’ वायु दिन भी र‍िकॉर्ड क‍िए गए थे. इसमें ‘बहुत खराब’, ‘गंभीर’ या ‘गंभीर प्लस’ वाले द‍िन कोई नहीं थे. अक्‍टूबर में एक्यूआई लेवल 298 पर पहुंच गया था. एक र‍िकॉर्ड के मुताबि‍क पिछले साल 80 दिन ऐसे थे, जब एक्यूआई ‘खराब’ था. वहीं 65 द‍िन एक्यूआई ‘बहुत खराब’ और 20 द‍िन ‘गंभीर’ श्रेणी और 4 द‍िन ‘गंभीर प्लस’ श्रेणी में रहा था.

ग्रैप पर सीएक्यूएम उप-समिति के एक अधिकारी का कहना है क‍ि वायु प्रदूषण को लेकर अगले तीन दिनों के पूर्वानुमानों की निगरानी की जा रही है और एक्यूआई के ‘खराब’ पहुंचने की संभावना होने पर मीटिंग आयोजित की जा सकती है. जबकि एक्‍यूआइ के खराब श्रेणी में पहुंचने के बाद ग्रैप उपाय स्‍वत: ही लागू हो जाते हैं. AQI के बिगड़ने की उम्मीद के चलते र‍िव्यू मीटिंग की जाती है. यह 2 या 3 अक्टूबर के आसपास हो सकती है. एक्‍यूआई लेवल के सेकेंड स्‍टेज में इतनी जल्‍दी पहुंचने की उम्‍मीद नहीं है.

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) में कार्यकारी निदेशक, र‍िसर्च एंड एडवोकेसी अनुमिता रॉयचौधरी का कहना है क‍ि इस साल, ग्रैप के अधिक प्रभावी होने की संभावना है, क्योंकि यह एक्यूआई पहले से ही खराब होने पर कार्रवाई के बजाय पूर्वानुमान पर निर्भर है. देखा जाता रहा है क‍ि सामान्‍य तौर पर ग्रैप न‍ियम 15 अक्‍टूबर से लागू होते हैं लेक‍िन यह पूर्वानुमान के चलते 1 अक्टूबर को ही प्रभावी हो रहा है. अनुम‍िता ने कहा क‍ि इस साल द‍िवाली के बहुत पहले होने के चलते संभावना जताई जा रही है क‍ि नवंबर और दिसंबर अपेक्षाकृत वायु प्रदूषण के ल‍िहाज से साफ माह होंगे.

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