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गुर्जरों की सभी मांगें मानी, खत्म करें आंदोलन-गहलोत सरकार


जयपुर। राजस्थान में मोस्ट बैकवर्ड क्लास (MBC) में बैकलॉग की भर्तियों समेत अन्य मांगों के लिए गुर्जरों (Gurjar agitation) ने फिर से आंदोलन शुरू कर दिया है। भरतपुर के बयाना में कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला गुट के लोग पीलूपुरा के पास रेलवे ट्रैक पर धरने पर बैठ गए। सुबह से उनका धरना जारी है। इस बीच सरकार ने 6 जिलों में आज आधी रात तक इंटरनेट बंद कर दिया है। धरने की वजह से 60 ट्रेनें डायवर्ट की गई हैं। 220 बसों की आवाजाही रोक दी गई है। वहीं, कोटा डिवीजन के हिन्डौन सिटी-बयाना के बीच गुर्जर आंदोलन के कारण रेलवे ट्रैक बाधित होने से कई ट्रेनें अपने निर्धारित मार्ग के बजाय परिवर्तित मार्ग से चलाई जा रही हैं। इस बीच बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। गलहोत सरकार के मंत्री का कहना है कि गुर्जरों की सभी मांगें मान ली गई हैं, इसलिए वो जल्द से जल्द आंदोलन खत्म कर दें।

बैंसला गुट की ये हैं 6 प्रमुख मांगें:-
1.समझौता और मैनिफेस्टो में वादे के मुताबिक बैकलॉग की भर्तियां निकाली जाएं।
2.भर्तियों में पूरा 5 प्रतिशत आरक्षण मिले।
3.आरक्षण आंदोलन में मारे गए लोगों के परिजन को सरकारी नौकरी और मुआवजा मिले।
4.आरक्षण विधेयक को नवीं अनुसूची में डाला जाए।
5.MBC कोटे से भर्ती 1252 कर्मचारियों को रेगुलर पे-स्केल मिले।
6.देवनारायण योजना में विकास योजनाओं के लिए बजट दिया जाए।

गुर्जर आंदोलन को लेकर चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा, ‘सरकार आंदोलनकारीयों से वार्ता के लिए हमेशा तैयार है। अगर उन्हें लगता है कि समझौते में कोई समस्या है तो वार्ता से ही समाधान निकाला जा सकता है। हम अब भी वार्ता के लिए हमेशा तैयार है। रास्ते रोकने और पटरियों पर जमा होने पर उन्होंने कहा कि कानून को हाथ में लेना सही नहीं है। देश की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से काम नहीं चलता है।’

कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने खुद कहा, “मेरे पास CM अशोक गहलोत का फोन आया था। उन्होंने डिटेल में बात करने के साथ ही भरोसा दिलाया है कि गुर्जर समाज की मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की कोशिश करेंगे। इसलिए हमें मुख्यमंत्री पर एक बार और भरोसा करना चाहिए।”

रेलवे की और मिली जानकारी के मुताबिक पश्चिम मध्य रेलवे (West Central Railway) के कोटा डिवीजन में बयाना-गंगापुरसिटी के बीच स्टेशनों पर कई ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है। इसमें ट्रेन नंबर 02964 उदयपुर सिटी-निजामुद्दीन एक्सप्रेस और 02963 निजामुद्दीन-उदयपुर सिटी एक्सप्रेस, 02416 निजामुद्दीन-इदौर जंक्शन एक्सप्रेस और 02415 इदौर जंक्शन-निजामुद्दीन एक्सप्रेस भी शामिल है।

रविवार को कुछ प्रदर्शनकारियों ने दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक की फिश प्लेटें उखाड़ दीं। इसलिए 40 मालगाड़ियों समेत 60 ट्रेनें डायवर्ट करनी पड़ीं। ये ट्रेनें आज भी डायवर्ट हैं। रोडवेज के पांच बड़े डिपो दौसा, हिंडौन, करौली, भरतपुर और बयाना की करीब 220 बसों को रोक दिया गया। इस वजह से त्योहारों के सीजन में जनता परेशान हो रही है।

आंदोलन के कारण भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर, दौसा, धौलपुर और जयपुर जिले की 9 उपखंडों में इंटरनेट बंद (Internet shut down) है. दीवाली के मौके पर रेलवे ट्रैक और सड़क के जाम होने से लोग बुरी तरह से परेशान हैं। कोरोना काल में बमुश्किल पटरी पर आ रहा व्यापार प्रभावित होने से व्यापारी भी माथा पकड़कर बैठे हैं।

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करौली रोडवेज बस डिपो से सभी मार्गों पर बसों का संचालन रोक दिये जाने के बाद से बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा पड़ा है। वहीं हिंडौन रोडवेज डिपो ने भी आगरा की जाने वाले सभी मार्गों पर रोडवेज बसों का संचालन भी बंद कर दिया है। दूसरी ओर रेलवे ट्रैक जाम होने के बाद सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए वार्ता के लिये करौली जिले के प्रभारी खेल मंत्री अशोक चांदना रविवार देर शाम हिण्डौन सिटी पहुंचे थे। हिंडौन सिटी के विद्युत विभाग के सर्किट हाउस में गुर्जर प्रतिनिधियों से वार्ता की जानी थी, लेकिन गुर्जर प्रतिनिधियों के नहीं पहुंचने कारण वार्ता नहीं हो सकी।

इसके बाद मंत्री आंदोलन स्थल भरतपुर जिले के बयाना के पीलूपुरा के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ता जाम होने के कारण मंत्री चांदना वापस जयपुर लौट गए। माना जा रहा है कि सोमवार को सरकार से कर्नल बैंसला गुट की वार्ता हो सकती है।

 

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