काठमांडू । चीन के प्रभाव में आकर लगता है नेपाल अपने रिश्तों में भारत के साथ कड़वाहट घोलने पर पूरी तरह से आमादा हो गया है। यही वजह है कि सीमा विवाद, नक्शा विवाद एवं अयोध्या को अपने यहां बताने के बाद उसने अपने देश के कई स्थानों पर आई बाढ़ के लिए भारत को कसूरवार ठहराया है।
दरअसल, नेपाल इस वक्त बाढ़ का सामना कर रहा है और उसकी नजर में इसके पीछे भारत जिम्मेदार है । गृहमंत्री राम बहादुर थापा ने कहा कि भारत द्वारा सीमा पर की गईं निर्माण गतिविधियों ने पानी के प्रवाह को अवरुद्ध कर दिया है और इसके परिणामस्वरूप दक्षिणी नेपाल के विभिन्न स्थानों में बाढ़ आ गई है । जबकि हकीकत यह है कि हर साल भारत और नेपाल दोनों ही देश मानसून के दौरान मौसम में बाढ़ जैसे हालातों का सामना करते रहे हैं ।
थापा का कहना यह भी है कि भारत द्वारा सीमा पर कुछ निर्माण कार्यों को अंजाम दिया गया है, जिसकी वजह से पानी का प्रवाह प्रभावित हुआ है और नेपाल को बाढ़ का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि नेपाल सरकार ने इस समस्या हल करने के लिए कुछ कूटनीतिक कदम उठाए थे, लेकिन उनका कोई फायदा नहीं हुआ।
थापा ने कहा है कि भारतीय प्रधानमंत्री के नेपाल दौरे के समय जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे, उन्हें अभी तक लागू नहीं किया गया है। यही कारण है कि नेपाल के विभिन्न हिस्सों में पिछले चार दिनों में बाढ़ और भूस्खलन में 41 लोग मारे गए हैं, जबकि 41 लापता हैं। पश्चिमी नेपाल का मायागड़ी जिला 27 मौतों के साथ सबसे ज्यादा प्रभावित है।
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