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बारिश के मौसम में बढ़ जाता है डेंगू बुखार का खतरा, बचाव में आजमाएं ये उपाय

बारिश का मौसम में लगभग सभी लोगों को पसंद होता है लेकिन मानसून अपने साथ कई बीमारियों को लेकर आता है । मच्छर से होनेवाली बीमारी डेंगू दिन में मादा मच्छर के काटने से होती है। डेंगू के मरीजों को तेज बुखार होता है जो कई सप्ताह तक रहता है। अहम बात ये है कि मच्छर का प्रजनन साफ पानी में होता है न कि गंदे नाले के पानी में। उनका पूरी तरह सफाया करना असंभव है क्योंकि ये गर्म वातावरण में भी रह सकते हैं। पानी के संपर्क में आने के साथ ही ये वयस्क खतरनाक मच्छर बन जाता है। डेंगू की बीमारी (dengue disease) मानसून के मौसम में बहुत आम है। उससे छुटकारा पाने के कुछ लक्षण और आसान टिप्स बताए जा रहे हैं।

डेंगू के लक्षण
तेज बुखार, सिर दर्द, बदन दर्द, भूख की कमी, उल्टी, डायरिया, आंखों में दर्द, थकान, सुस्ती, घुटने का दर्द, शरीर में लाल धब्बे, नाक से खून ये सब डेंगू के लक्षण हैं।

कैसे बढ़ाएं प्लेटलेट्स?
पपीते की पत्तियों (papaya leaves) का जूस न सिर्फ ब्लड सेल्स को बढ़ाता है बल्कि दर्द, कमजोरी और थकान को शरीर से दूर करने में भी मदद करता है। आप उसकी पत्तियों को पीस भी सकते हैं या पानी में पत्तियों को उबालकर उसे ड्रिंक के तौर पर पी सकते हैं।

हल्दी दूध (turmeric milk) न सिर्फ जल्दी घाव भरने के लिए फायदेमंद है बल्कि डेंगू बुखार से तुरंत राहत प्रदान करने में भी कारगर है। प्रभावी नतीजों के लिए आधा चम्मच हल्दी को गुनगुने दूध में मिलाकर पिएं।


बकरी के दूध में बहुत औषधीण गुण(medicinal properties) होते हैं जो डेंगू बुखार में जल्दी ठीक करता है। गाय के दूध को पचने में 8 घंटे लगते हैं जबकि बकरी का दूध मात्र 20 मिनट में पच जाता है। इसलिए उसका सेवन पाचन के लिए भी अच्छा होता है।

डेंगू बुखार से छुटकारा पाने के लिए नारियल का पानी ज्यादा पिएं। उसमें मौजूद पोषक तत्व जैसे मिनरल्स और इलेक्ट्रोलाइट्स (electrolytes) शरीर को मजबूती प्रदान करने में मदद करते हैं।

पानी में 10-12 तुलसी की पत्तियां और दो ग्राम काली मिर्च को उबालना भी फायदेमंद होता है। उबालकर उसे ठंडा करें और दिन में चार से पांच बार पिएं। इससे आपके शरीर की इम्यूनिटी (immunity) बढ़ती है।

तीन से चार चम्मच चुकंदर का जूस एक ग्लास गाजर के जूस में मिलाएं और उसे डेंगू के मरीज को पीने के लिए दें। ये ब्लड सेल्स की संख्या को तेजी से बढ़ाता है।

नोट – उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्‍य जानकारी के लिए हैं इन्‍हें किसी प्रोफेशनल डॉक्‍टर की सलाह के रूप में न समझें कोई भी बीमारी या परेंशानी हो तो डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें ।

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