भोपाल। प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी)को आरक्षण का मुद्दा लंबे समय से गर्माया हुआ है। अभी तक ओबीसी को सरकारी भर्तियां एवं अन्य नियुक्तियों में 27 फीसदी आरक्षण का मामला मप्र हाईकोर्ट में विचाराधीन है। 16 दिसंबर को हाईकोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर फाइनल सुनवाई होनी थी, लेकिन कोर्ट सुनवाई को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। इसके अगले दिन 17 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने मप्र पंचायत चुनाव को लेकर व्यवस्था दी है कि ओबीसी आरक्षण के पदों को सामान्य में कन्वर्ट करके पंचायत चुनाव कराए जाएं। हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट के फैसलों से मप्र के ओबीसी वर्ग को दो दिन के भीतर दो बड़े झटके लगे हैं।
हाईकोर्ट में उपस्थित नहीं हुए एक भी वकील
मप्र हाईकोर्ट में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण पर सुनवाई चल रही है। 16 दिसंबर को हाईकोर्ट ने इस पर सुनवाई होना थी। ओबीसी आरक्षण से जुड़ी समस्त याचिकाओं की एकसाथ सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश की बैंच में 97 नंबर था। कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण की सुनवाई 2 पर शुरू कर दी थी। जब कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर सुनवाई कॉल की तब, कोर्ट में याचिकाकर्ताओं और महाधिवक्ता कार्यालय का एक भी अधिवक्ता मौजूद नहीं था। इस वजह से कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण की सुनवाई को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया है। ओबीसी आरक्षण से जुड़ी याचिकाओं की पैरवी कर रहे अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर ने बताया कि महाधिवक्ता कार्यालय की ओर से ओबीसी मामले में कोर्ट में कोई पक्ष नहीं रखा। न ही सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता कार्यालय का कोई अधिवक्ता मौजूद रहा।
भर्तियों में नहीं मिल रहा 27 फीसदी आरक्षण का लाभ
चार महीने पहले उपचुनाव के ठीक पहले राज्य सरकार ने नौकरियों में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण देने की प्रक्रिया शुरू की और सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी सूचना भी जारी की। इसके तत्काल पर हाईकोर्ट ने आरक्षण पर रोक लगा दी। अभी तक मप्र सरकार के तमाम विभागों द्वारा की जा रहीं नियुक्तियों में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिला है।
पिछड़ा आयोग ने कहा हमारी कोई भूमिका नहीं
मप्र राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष एवं भाजपा विधायक गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि चुनाव में ओबीसी को आरक्षण नहीं मिलने में आयेाग की कोई भूमिका नहीं है। यह सरकर और चुनाव आयोग का मामला है। यहां बता दें कि सरकार ने बिसेन को पिछड़ा वर्ग आयोग का अध्यक्ष तब बनाया था, उपचुनाव से पहले ओबीसी आरक्षण का मुद़दा गर्म था।
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