- थैलीसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से ग्रसित है बेटी,.
संभागीय ब्यूरो राजीव तिवारी| मध्यप्रदेश के सीधी जिले में रहने वाला एक बेबस पिता अपनी बेटी के इलाज के लिए ‘भीख मांगो पैदल यात्रा’ पर निकल पड़ा है. ये बेबस पिता बीजेपी का सक्रिय कार्यकर्ता है. इसके बाद भी न तो राज्य सरकार ने सुनवाई की और न ही जिला प्रशासन से कोई मदद मिली. उसकी बेटी गंभीर बीमारी से ग्रसित है. उसका बोनमैरो ट्रांसप्लांट होना है.
एक बेबस पिता अपनी बेटी के इलाज के लिए सरकार व प्रशासन से बीते 10 साल से मदद मागते मागते थक गया है सरकारी मदद की आस अब नहीं है इसलिए लाचार पिता और बेटी के इलाज के लिए भीख मांगने को मजबूर है इसके लिए बेबस पिता पैदल यात्रा शुरू की है. वह अपने बेटी के साथ सीधी जिले से चलकर भोपाल तक जाएंगे और रास्ते में लोगों से भीख मागकर बेटी के इलाज के लिए पैसा जुताएंगे सीधी जिले से भोपाल तक की पैदल यात्रा पर निकले लाचार पिता पंकज तिवारी सीधी जिले के कमर्जी थाना क्षेत्र के निवासी हैं
दरअसल पंकज तिवारी की एक ही संतान है उनकी 9 वर्षीय बेटी आराध्या को जन्म से ही थैलीसीमिया नामक गंभीर बीमारी ने जकड़ रखा है इकलौती बेटी को जीवित रखने के लिए हर सप्ताह उसे खून चढ़वाना पड़ता है. आराध्या का बोन मैरो ट्रांसप्लांट होना है उसके लिए जर्मनी में एक डोनर मिला है. जिसकी 15 लाख रुपए के आसपास है. इसके अलावा क्रिश्चियन मेडिकल वेल्लूर तमिलनाडु द्वारा ऑपरेशन का एस्टीमेट भी 45 लाख का दिया गया है उन्हें इलाज के लिए लगभग 60 लाख से ज्यादा रुपए की आवश्यकता है लेकिन बेटी के इलाज के लिए इतनी बड़ी रकम खर्च करवाने हैं वह पूरी तरह से असमर्थ है.
पंकज ने बेटी की इलाज के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रदेश के कई बड़े नेताओं के साथ ही गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा से मुलाकात की लेकिन अब तक उन्हें ना तो केंद्र सरकार और ना ही मध्य प्रदेश की सरकार से किसी भी प्रकार की मदद मिली है मजबूर होकर बेबस पिता भीख मांगने पैदल ही निकल पड़ा बीते 25 जून को पंकज तिवारी ने 9 साल की बीमार बेटी आराध्या तिवारी के साथ ही पैदल यात्रा सीधी जिले से शुरू की रीवा में उन्होंने अपनी यात्रा के बारे में लोगों को जानकारी दी.
Share: