उदयपुर । राजस्थान के उदयपुर हत्याकांड (Rajasthan’s Udaipur Massacre) के बाद एक बार फिर चर्चा में इस बार किसी भेदभाव को लेकर नहीं बल्कि आपसी भाईचारा को लेकर चर्चा में है। उदयपुर के हाथी पोल इलाके में गत दिवस मोहर्रम जुलूस (muharram procession) के दौरान अचानक ताजिये के ऊपरी हिस्से में आग लग गई जिससे अफरा तफरी मच गई। गली में रह रहे हिंदू परिवारों ने फौरन आग पर काबू पाकर सांप्रदायिक सद्भाव का एक मिसाल पेश किया।
आपको बता दें कि उदयपुर के पलटन मस्जिद के आखिरी ताजियों का जुलूस शहर के हाथीपोल इलाके में संकरी गलियों से गुजर रहा था। तभी 25 फुट ऊंचे एक ताजिये के ऊपरी हिस्से में मामूली आग लग गई। गली की तीसरी चौथी मंजिल पर रहने वाले हिंदू परिवारों ने जैसे ही आग देखी उन्होंने ऊपर से पानी डालकर आग बुझाई।
इस संबंध में पुलिस वृत्ताधिकारी (पूर्व) और उपाधीक्षक शिप्रा राजावत का कहना है कि मोचीवाड़ा की जिस गली से ताजिये गुजर रहे थे वह बहुत संकरी थी और यदि समय पर आग पर काबू नहीं पाया जाता तो बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने बताया कि आग सबसे पीछे चल रहे 25 फीट ऊंचे ताजिये में लगी और और आगे चल रहे ताजिये के लोग नमाज अदा कर रहे थे। उन्होंने बताया कि ताजिये में आग के लगते ही गली के दोनों ओर से बालकनी और छतों से हिंदुओं ने बाल्टियों से पानी डालना शुरू कर दिया, हिंदू मोहल्ले में अचानक हुए इस हादसे से प्रशासन की चिंताएं बढ़ गईं, लेकिन वहां के हिंदू परिवारों ने कुछ मिनटों में ताजिए के गुंबद में लगी आग को बुझा दिया। Share: