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शिक्षक किस तरह छात्रों को तनावमुक्त रहने में करें मदद, सोशल मीडिया और तकनीक पर निर्भरता के दुष्प्रभाव से कैसे बचें? ये है PM मोदी का जवाब

नई दिल्ली। परीक्षा पे चर्चा (Pareeksha Pe Charcha) कार्यक्रम का शुरूआत हो चुकी है। पीएम मोदी (PM Modi) भारत मंडपम, आईटीपीओ, प्रगति मैदान, नई दिल्ली (New Delhi) पहुंच चुके हैं। कार्यक्रम की लेटेस्ट जानकारी यहां अपडेट की जा रही है।

Pareeksha Pe Charcha Live Update

सोशल मीडिया और तकनीक पर निर्भरता के दुष्प्रभाव से कैसे बचें?
किसी भी चीज की अति फायदेमंद नहीं होती है। हर चीज संतुलन में होनी चाहिए। मोबाइल का जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदायक है। हालांकि, मोबाइल फोन और अन्य तकनीक सूचना सहित कई क्षेत्रों में काफी अच्छे साधन हैं, लेकिन इनका इस्तेमाल लिमिट में रहकर करना चाहिए। छात्रों को मोबाइल इस्तेमाल करने के लिए कुछ समय निर्धारित करना चाहिए, उससे ज्यादा समय मोबाइल पर न बिताएं। “मोबाइल में डाउनलोड करके रखें स्क्रीन टाइम मॉनिटर करने वाले ऐप्स। उसका पॉजीटिव उपयोग करें।”

जो कहते हैं, उसका पालन किया करें: पीएम मोदी
बच्चे माता-पिता को कैसे विश्वास दिलाएं कि वो तैयारी कर रहे हैं। इस सवाल के जवाब में पीएम मोदी ने कहा कि इस संबंध में छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों को अपने आचरण पर गहनता से विचार करना चाहिए। जो आप कहते हैं अगर सचमुच उसका पालन करते हैं तो किसी को विश्वास दिलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी जरूरी
पीएम मोदी ने छात्रों के सवालों का जवाब देते हुए छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति भी सचेत रहने की सलाह दी है। उन्होने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ शारीरिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना भी जरूरी है। छात्रों को संतुलित आहार लेना चाहिए और अपनी रोज की दिनचर्या में जितना संभव हो फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए।

लिखकर करें प्रैक्टिस- पीएम मोदी
आज के समय में बहुत कम लोग लिखकर प्रैक्टिस करते हैं। पीएम मोदी ने छात्रों से कहा कि कोशिश करें जब आप तैयारी कर रहे हैं तो पठन-पाठन के साथ लिखकर भी तैयारी करें। ऐसा करने से आपको अपनी गलतियों में सुधार करने का मौका मिलेगा, साथ ही टाइम मैनेजमेंट भी कर पाएंगे।


शिक्षक किस तरह छात्रों को तनावमुक्त रहने में करें मदद?
टीचर का स्टूडेंट के साथ का नाता शुरूआत से लेकर परीक्षा आने तक निरंतर बढता रहे तो शायद परीक्षा के दौरान छात्रों पर तनाव की नौबत न आए। शिक्षकों को चाहिए कि वे छात्रों के साथ केवल सिलेबस तक ही संबंधित न हों। शिक्षक और छात्र का नाता ऐसा हो कि छात्र छोटी-मोटी समस्या को भी शिक्षक के साथ डिस्कस करने से न हिचकिचाए।

टाइम मैनेजमेंट के प्रति रहें जागरूक
पीएम मोदी ने छात्रों को सलाह दी कि हमेशा टाइम मैनेजमेंट के प्रति जागरूक रहना चाहिए। परीक्षा हो या नहीं अपने कार्य को सही समय पर पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, काम करने की कभी थकान नहीं होनी चाहिए। काम करने से संतोष होता है।

जीवन में प्रतिस्पर्धा होना भी जरूरी
प्रतिस्पर्धा से आने वाले दबाव से जुड़े एक सवाल के जवाब में पीएम ने कहा, “जीवन में चुनौतियां और स्पर्धा होना बहुत जरूरी है। इनके बिना जीवन बहुत ही प्रेरणाहीन बन जाएगा। जीवन में हेल्दी कॉम्पीटीशन होना जरूरी है।” दोस्तों से प्रतिस्पर्धा न करें, बल्कि खुद से प्रतिस्पर्धा करें और दोस्तों को अपने लिए प्रेरणा बनाएं। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें। परीक्षा पे चर्चा 2024 के दौरान एक सवाल का जवाब देते हुए पीएम ने कहा कि तुलना छात्रों के मन में बचपन से ही उनके परिवारों द्वारा रची जाती है। उन्होंने कहा, “मैं माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे अपने बच्चों की तुलना दूसरों की उपलब्धियों से न करें।”

हमें किसी भी तरह के दबाव से निपटने के लिए खुद को ढालना होगा
इच्छाशक्ति से हम दबाव के बावजूद सफलता हासिल कर सकते हैं… हमें दबाव से निपटने की कला को जल्दबाजी में नहीं, बल्कि धीरे-धीरे लागू करना चाहिए। दबाव को संभालना सिर्फ विद्यार्थी का काम नहीं है; इस प्रक्रिया को आसान बनाने की जिम्मेदारी शिक्षकों और अभिभावकों पर भी है: पीएम मोदी

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