इंदौर न्यूज़ (Indore News)

300 अवैध मकान कैसे तोड़ें, नोटरी पर बस गया न्याय नगर का बड़ा हिस्सा

  • प्रशासन ने फिर लगाया शिविर, मात्र 9 शिकायतकर्ता ही दस्तावेज लेकर पहुंचे, फर्जीवाड़ा कर नया अवैध सरस्वती नगर भी बसा डाला

इंदौर। न्याय नगर गृह निर्माण संस्था की कालोनी न्याय नगर और उसके एक्सटेंशन में नोटरी के जरिए कई भूखंड बिक गए और उन पर अवैध निर्माण भी कर लिए गए। ए, बी, सी और डी सेक्टर में बसे न्याय नगर में अभी तीन सेक्टरों के लिए कलेक्टर इलैयाराजा टी के निर्देश पर कल शिविर लगाया गया, मगर 9 शिकायतकर्ता ही दस्तावेज लेकर पहुंचे। दरअसल अधिकांश के पास नोटरी है और विधिवत मंजूरी भी नहीं। डी सेक्टर में लगभग 300 अवैध मकान बने हैं, जिन्हें तोड़ें कैसे, क्योंकि खरीददार भी एक तरह से पीडि़त ही हैं, जिन्हें भू-माफिया और उनके गुर्गों ने भूखंड अवैध तरीके से बेच दिए हैं। इतना ही नहीं, फर्जी दस्तावेजों से एक अवैध सरस्वती नगर भी बसा लिया।

अभी जनसुनवाई में भी कलेक्टर को भूखंड पीडि़तों की शिकायतें बड़े पैमाने पर मिल रही है। पूर्व में भी पुलिस प्रशासन और सहकारिता विभाग ने माफिया अभियान चलाकर कई जमीनें मुक्त कराई और सैंकड़ों को कब्जे भी दिलाए। मगर अभी भी कई संस्थाओं के पीडि़तों को न्याय नहीं मिला, जिसमें न्याय विभाग कर्मचारी गृह निर्माण के भी बड़ी संख्या में पीडि़त हैं। अभी कलेक्टर के निर्देश पर कल अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर ने शिविर का आयोजन करवाया, जिसका जिम्मा एसडीएम शाश्वत शर्मा, संस्था प्रशासक प्रवीण जैन और सहकारी निरीक्षकों केएल कोरी, एचपी गोयल, उप अंकेक्षक एमएम श्रीवास्तव, सुनील सक्सेना व अन्य को सौंपा।


एसडीएम श्री शर्मा के मुताबिक कल ए, बी, सी सेक्टर के सदस्यों के लिए जो कैम्प लगाया उसमें स्वामित्व संबंधित भूखंडों की मालिकी के दस्तावेज भी मांगे गए। कई सदस्यों और व्यक्तियों द्वारा अवैध रूप से नोटरी और अन्य माध्यमों से भी भूखंड खरीदे गए, जिन पर अवैध निर्माण, कब्जे हो गए हैं। ऑटो रिक्शा पर लाउड स्पीकर लगाकर भी शिविर की सूचना दी और कल शिविर में लगभग 90 से अधिक लोग आए। मगर उनमें से 9 ने ही अपने दस्तावेज प्रस्तुत किए। मौके पर बने एक नया सरस्वती नगर भी बसा मिला, जिसके 50 से 60 भूखंडधारक उपस्थित रहे। उन्हें भी समझाइश दी गई कि वे अपने भूखंड के स्वामित्व संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करें।

मगर इनमें से अधिकांश के पास नोटरी है। सरस्वती नगर के इन भूखंडधारकों को यह भी बताया गया कि दस्तावेज प्रस्तुत न करने की स्थिति में उनका भूखंड पर कब्जा और बना मकान किस तरह से वैध है इसकी जांच करना संभव नहीं होगा। लिहाजा अब वे तीन दिन में संस्था कार्यालय में अपने दस्तावेज प्रस्तुत करें। दरअसल भूमाफियाओं का कब्जा इस संस्था और जमीन पर भी रहा और पुलिसिया गिरफ्त में आए बब्बू-छब्बू ने भी अवैध रूप से कई भूखंड यहां नोटरी के जरिए बेच डाले। यहां तक कि एक ऑटो ड्राइवर राजेश राठौर ने भी इस तरह से अवैध भूखंड बेचे और न्याय नगर के भीतर ही एक सरस्वती नगर बसा डाला और उसके एक्सटेंशन में भी इसी तरह भूखंडों की हेरा-फेरी की गई। यहां तक कि एक भूखंड के दो टुकड़े कर उसे भी नोटरियों के जरिए अलग-अलग लोगों को बेच दिया। यह भी उल्लेखनीय है कि संस्था की जमीन प्राधिकरण की योजना 171 में भी शामिल है।

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