पूर्णिया: क्या कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद पप्पू यादव बिहार में अपनी ही पार्टी और महागठबंधन के लिए बड़ा सिरदर्द बनने वाले हैं. ये सवाल इसलिए उठ रहा है क्योंकि पप्पू यादव ने पूर्णिया से चुनाव लड़ने की घोषणा करने के साथ ही 2 अप्रैल की बजाय 4 अप्रैल को पूर्णिया से नामांकन करने की घोषणा की है. पूर्णिया में प्रेस वार्ता करते हुए उन्होंने स्पष्ट कहा कि मैंने अपनी भावना कांग्रेस नेतृत्व को बता दी है. कांग्रेस और लालू जी से भी पुनर्विचार का आग्रह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वह भी लालू जी के ही परिवार के सदस्य हैं, भले ही लालू जी अपने ही परिवार के दो-चार बच्चों को ही अपना परिवार मानते हों.
उन्होंने कहा कि कुछ लोग ठेकेदार बनकर पीठ में खंजर भोंकने का काम कर रहे हैं. वैसे लोग बिहार में महागठबंधन को कमजोर करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हर हालत में वह पूर्णिया से ही चुनाव लड़ेंगे. पूर्णिया की जनता उनके साथ है. उन्होंने कहा कि राहुल जी और प्रियंका जी का भी उनको आशीर्वाद है, उनसे भी बातें होती रहती हैं. उनका निर्णय जैसा होगा वह मान्य होगा लेकिन पूर्णिया छोड़कर वह कहीं नहीं जाएंगे.
पप्पू यादव ने साफ कहा कि वह कोई डगरा का बैगन नहीं है कि कोई उनको कहीं भी भगा दे. कभी कहते हैं कि मधेपुरा चले जाओ, कभी कहते हैं सुपौल चले जाओ लेकिन वह पूर्णिया छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे. जीना यहां मरना, यहां इसके सिवा जाना कहां. पप्पू यादव ने कहा कि निश्चित ही वो 4 अप्रैल को पूर्णिया से नामांकन करेंगे. गौरतलब है कि रविवार को पूर्णिया कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस समेत जिला के सभी महागठबंधन के नेताओं ने स्पष्ट कहा था कि पूर्णिया से राजद प्रत्याशी बीमा भारती महागठबंधन की प्रत्याशी हैं और वे लोग खुलकर उन्हीं को समर्थन करेंगे लेकिन पप्पू यादव की जिद और पूर्णिया से चुनाव लड़ने से मामला काफी पेचीदा हो गया है, ऐसे में इन दोनों की लड़ाई में एनडीए को फायदा मिलता दिख रहा है.
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