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मैं कभी सोनिया गांधी के सामने नहीं रोया, राहुल का बयान बेबुनियाद: अशोक चव्हाण

नई दिल्ली: कांग्रेस का दामन छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रोने वाले बयान को राजनीतिक बयान करार दिया है. अशोक चव्हाण ने कहा कि न ही वो कभी दिल्ली में सोनिया गांधी से मिले थे और न ही कभी उनके सामने रोए थे. ऐसे में राहुल का बयान पूर तरह से राजनीति से प्रेरित है.

दरअसल कांग्रेस ने अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समापन के बाद मुंबई के शिवाजी पार्क में एक भव्य रैली का आयोजन किया था. इस दौरान राहुल गांधी ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर हमला बोला था. राहुल ने कहा था कि पीएम मोदी ईवीएम, ईडी, सीबीआई और आयकर विभाग के बिना चुनाव नहीं जीत सकते. कांग्रेस नेता ने दूसरे दलों से बीजेपी में शामिल हो रहे लोगों का मुद्दा उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी डरा धमका कर ईडी और सीबीआई का डर दिखाकर दूसरे दलों के नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही है.


‘जांच एजेंसियों के डर से BJP में शमिल हुए कांग्रेस नेता’
इस दौरान राहुल गांधी ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और सांसद अशोक चव्हाण का नाम लिए बिना कहा कि कांग्रेस नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों से बचने के लिए गए बीजेपी में शामिल हुए हैं. राहुल ने कहा था कि मैं नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन इस राज्य के एक वरिष्ठ नेता ने कांग्रेस छोड़ दी. वो रोते हुए मेरा मां के पास गए थे और उन्होंने मेरी मां से कहा था कि मुझमें इनसे लड़ने की ताकत नहीं है. मैं जेल नहीं जाना चाहता. ऐसे में माना जा रहा है कि राहुल का इशारा अशोक चव्हाण की तरफ था. जो पिछले दिनों ही बीजेपी में शामिल हुए थे.

‘मैं कभी सोनिया गांधी के सामने नहीं रोया’
राहुल के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता अशोक चव्हाण ने सफाई दी है. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि राहुल ने उनका ना तो नहीं लिया लेकिन अगर वो उनके संदर्भ में कहा गया था तो उनकी बात पूरी तरह बेबुनियाद है. उसमें कोई सच्चाई नहीं है. चव्हाण ने कहा कि इस्तीफा देने के बाद ही ये बात बाहर आई थी. इससे पहले किसी को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वो पार्टी से इस्तीफा देने वाले हैं. उन्होंने कहा वो कभा भी सोनिया गांधी से नहीं मिले न ही उनके सामने रोए. ऐसे में राहुल गांधी की कही बात पूरी तरह से झूठी और राजनीतिक है.

आपको बता दें कि मिलिंद देवड़ा और बाबा सिद्दीकी के बाद अशोक चव्हाण तीसरे नेता थे जो कांग्रेस को छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे. अशोक चव्हाण कांग्रेस के कद्दावर नेताओं में शुमार थे. पार्टी से इस्तीफा देने का कारण चव्हाण ने कांग्रेस के साथ मतभेद की बात कही थी. गौरतलब है कि अशोक चव्हाण पर खिलाफ महाराष्ट्र में तीन मामले लंबित हैं. जिनमें दो आदर्श सहकारी हाउसिंग सोसायटी घोटाले से जुड़े हैं.

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