इंदौर। 25 साल पहले सिर पर अपने आशियाने की छत का सपना लेकर इंदौर विकास प्राधिकरण की योजना क्रमांक 53 में प्लाट खरीदा, लेकिन आज तक धक्के ही नसीब हुए हैं। 2020 में विकास शुल्क राशि भी भरवा ली, लेकिन आईडीए रजिस्ट्री ही नहीं कर रहा।
रतनबाई निवासी ग्रीन पार्क कालोनी साउथ तुकोगंज ने जनसुनवाई में कलेक्टर को बताया कि आप भूमाफियाओं द्वारा लोगों को ठगने और उनके हक की जमीन नहीं देने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन नाक के नीचे ही बैठा आईडीए विभाग ही लोगों के हक के साथ खेल रहा है। 25 वर्ष पूर्व मैंने अपने परिवार के आशियाने के लिए स्कीम न. 53 में प्लाट के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद मेरे नाम से भूखंड क्रमांक 7 की घोषणा की गई, लेकिन आज तक रजिस्ट्री नसीब नहीं हुई है। कई बार शिकायत करने के बाद मुख्यमंत्री इंदौर विकास प्राधिकरण के माध्यम से जारी आवंटन पत्र सौंपे गए। जिसके बाद विभाग ने विकास शुल्क की राशि भी जमा करवा ली, लेकिन रजिस्ट्री नहीं करवा रहे। कलेक्टर ने आईडीए अधिकारी को फोन लगाकर तुरंत निराकरण करने के निर्देश दिए। जनसुनवाई में पहुंचे 200 से अधिक आवेदनों में सबसे ज्यादा मामले सामाजिक न्याय के तहत आर्थिक सहायता, वाहन सुविधा के थे। वहीं फर्जी रजिस्ट्री और सरकारी जमीनों पर कब्जे को लेकर भी आवेदनों की भरमार रही।
प्राइवेट जमीन बताकर सरकारी जमीन पर काटी कालोनी
सिरपुर क्षेत्र में खसरा नम्बर 357, 360 पर जफर खान पिता हनीफ खान द्वारा सरकारी जमीन को प्राइवेट बताकर कॉलोनी काट दी गई। लगभग 10 आवेदकों ने शिकायत दर्ज कराई। वसीम पिता रईस मंसूरी ने शिकायत करते हुए बताया कि जमीन पर बसावट करते हुए प्लाट काटे जा रहे है, जिसमें कई लोगों को प्लाट बेच दिए गए हैं। तहसीलदार भी इस सांठगांठ में शामिल है, जिसके कारण कोई भी इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार है। कलेक्टर ने संबंधी तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी कर सात दिन में रिपोर्ट सौंपने और एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए।
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