मध्यप्रदेश आपके पास है… महाराष्ट्र आप छीन चुके हो… आंध्रप्रदेश, दमनदीव, अरुणाचल प्रदेश में आप सेंध लगा चुके हो… अब गोवा आपको हजम नहीं हो पा रहा है… गुजरात पर भी आपकी नजरें लगी हुई हैं… लेकिन यह तो सोचो देशभर का कचरा अपने घर में उठा लाओगे तो अपने समर्पित नेताओं से कैसे इंसाफ कर पाओगे… देश को आप कांग्रेसमुक्त करना चाहते हो, लेकिन अपनी ही पार्टी को कांग्रेस बनाने पर तुले हो… वो नेता जो जिसका खाते हैं, उसे ही खा जाते हैं, उन्हें आप अपना बना रहे हो…महाराष्ट्र का मामला समझ में आता है… पीठ में छूरा घोंपने वाले उद्धव को सबक सिखाना लाजिमी था…वहां शिवसेना ने भाजपा से गठबंधन कर वोट लिया और कांग्रेस-राकांपा से हाथ मिलाकर जनता को धोखा दिया… लेकिन फिर भी उद्धव और शिवसेना को सबक सिखाने का मौका जनता को ही देना चाहिए था… आपने मध्यप्रदेश के कांग्रेसियों को अपनाया… आंध्रप्रदेश, दमनदीव अरुणाचल प्रदेश में भी मुक्ति संग्राम चलाया… अब आप गोवा में भी कांग्रेस का दमन करने की कोशिश में अपने लिए जोखिम उठा रहे हो … कांग्रेस और अन्य दल के नेता भाजपा में आएंगे और भाजपा के कार्यकर्ताओं का हक खाते जाएंगे तो एक दिन भाजपा में भी विद्रोह के सुर गूंजने लग जाएंगे…भाजपा में समर्पित नेताओं की फौज है… आपके अपने सिद्धांत हैं… आपकी अपनी शैली है… लेकिन सत्ता छीनने की कोशिश में दोगले नेताओं को अपने दल में लाकर भाजपा जहां जनता के मानस के साथ अपने पैरों पर भी कुल्हाड़ी मार रही है…देश में विकास-विश्वास की पहचान बना चुकी भाजपा भी यदि विनाश की राह पर चलने लगेगी… अवसारवादी, लालची और बेईमानों से हाथ मिलाकर ताकत हासिल करने की कोशिश करने लगेंगी तो एक दिन भाजपा में भी शिवसेना की नीयत और कांग्रेस की नियती नजर आने लगेगी…नेता नाम की जो जमात जनता से धोखा कर रही है… फायदे के कायदे से आंखें मिला रही है…जनता के वोट पर चोट किए जा रही है…उन्हें आप गले लगा रहे हो… तो यकीन मानिए आप अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हो…ये वो लोग हैं जो गिरेबां में झांककर देखें तो पता चलेगा कि बुरा जो देखन वो चला, उनसे बुरा न कोय…जो घर खोजे आपना, नोटों से भरा होय…लोकतंत्र के इस रोगतंत्र का उपचार जनता पर छोडऩा चाहिए…भाजपा को तो अपने हाथ मैले करने से बचना चाहिए….
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