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इसी तरह गिरता रहा टका तो डूब जाएगी बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था!

ढाका। बांग्लादेश की मुद्रा की कीमत में लगातार हो रही गिरावट से देश की वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा पैदा हो गया है। यह बात खुद वित्त मंत्रालय के एक दस्तावेज में कही गई है। साल 2023-24 से 2025-26 के लिए सरकार की वित्तीय नीति संबंधी इस दस्तावेज में कई ऐसे पहलुओं का जिक्र है, जिनको लेकर आगाह किया गया है।

बांग्लादेश में जो वित्तीय समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं, उनमें एक बिजली सब्सिडी से जुड़ी है। सरकारी वक्तव्य में चेतावनी दी गई है कि अगर अमेरिकी डॉलर एक टका और महंगा हुआ, तो बिजली पर सरकार का सब्सिडी खर्च 474 करोड़ टका बढ़ जाएगा। अगर टका के मूल्य में इस वित्त वर्ष में दस फीसदी और गिरावट आई, तो सरकारी पर मौजूद ऋण में 3,800 करोड़ टका की बढ़ोतरी हो जाएगी।

अन्य देशों की तरह बांग्लादेश ने भी ज्यादातर ऋण डॉलर में ले रखे हैं। इसलिए डॉलर के महंगा होने के साथ बिना नया कर्ज लिए भी विभिन्न देशों पर कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया है। अब यह समस्या बांग्लादेश में भी गंभीर रूप ले रही है। डॉलर के मुकाबले टका के सस्ता होने से सब्सिडी खर्च, ऋण भुगतान और परियोजनाओं पर अमल की लागत में भारी बढ़ोतरी होने का अंदेशा है।

टका के मूल्य में हाल में आई तेज गिरावट के कारण बांग्लादेश के लिए आयात करना महंगा हो गया है। इसके अलावा पहले लिए गए ऋण (मूल धन और ब्याज) को चुकाने पर उसे अधिक रकम खर्च करनी पड़ रही है। यही हाल देश में चल रही विकास परियोजनाओं का भी है।


सरकारी वक्तव्य में कहा गया है- ‘मुद्रा अवमूल्यन से सरकारी परियोजनाओं पर सरकारी खर्च में भारी इजाफा हो सकता है। सरकारी परियोजनाओं की आयात पर भारी निर्भरता है। इसलिए डॉलर महंगा होने से परियोजनाओं की लागत बढ़ सकती है, जिससे सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।’

वक्तव्य में बताया गया है कि मुद्रा अवमूल्यन का असर सरकार के राजस्व और खर्च दोनों पर पड़ेगा। इससे प्रति व्यक्ति आय भी प्रभावित हो सकती है। अगर टका का सस्ता होना जारी रहा, तो सरकार के लिए आठवीं पंचवर्षीय योजना में सकल राष्ट्रीय आय में वृद्धि का तय लक्ष्य हासिल करना कठिन हो जाएगा।

बांग्लादेश में 2022-23 में खाद्य, ऊर्जा और बिजली सब्सिडी के लिए 40,265 करोड़ टका का बजट रखा गया था। लेकिन मुद्रा अवमूल्यन के कारण इन मदों में सरकार को असल में 50,926 करोड़ टका खर्च करने पड़े। अब अगले वित्त में इन मदों में 66,762 करोड़ टका खर्च होने का अनुमान वित्त मंत्रालय ने लगाया है। बांग्लादेश जैसी छोटी अर्थव्यवस्था वाले देश के लिए यह बहुत बड़ा बोझ है।

देश का सेंट्रल बैंक- बांग्लादेश बैंक मौजूदा वित्त वर्ष में 16 बार डॉलर का बिक्री मूल्य बढ़ा चुका है। उसने बीते एक जून को टका का अब तक सबसे बड़ा अवमूल्यन किया। बीते एक साल में डॉलर की तुलना में टका के भाव में 22.61 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। साल भर पहले एक ड़लर 86.45 टका का था, जो अब लगभग 106 टका का हो चुका है।

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