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देश में रेमडेसिविर हुआ आयात शुल्क से मुक्त, इससे होगा ये फायदा


नयी दिल्ली । सरकार ने कोरोना पीडितों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाई रेमडेसिविर (Medicines used for treatment Remdacivir) का आयात शुल्क खत्म (Scrapped import duty) कर दिया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय (Union Ministry of Commerce and Industry) ने मंगलवार रात जारी एक अधिसूचना में यह जानकारी दी। अधिसूचना में कहा गया है कि रेमडेसिविर दवाई (Remedesvir medicines) , इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले तत्व और रेमडेसिविर इंजेक्शन (Remedisvir injections) का देश में आयात शुल्क (Remedisvir became import duty free) मुक्त होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि यह आदेश 31 अक्टूबर 2021 तक प्रभावी रहेगा। सरकार के इस फैसले से देश में रेमडेसिविर दवाई और इंजेक्शन (Remedesvir medicines and injections) की उपलब्धता बढ़ने की उम्मीद है।

ये है रेमडेसिविर
रेमडेसिविर एक एंटी-वायरल दवा है, जो कथित तौर पर वायरस के बढ़ने ( corona sufferers) को रोकती है। 2009 में अमेरिका के गिलीड साइंसेस ने हेपेटाइटिस सी का इलाज करने के लिए इसे बनाया था। 2014 तक इस पर रिसर्च चला और तब इबोला के इलाज में इसका इस्तेमाल हुआ। रेमडेसिविर का इस्तेमाल उसके बाद कोरोना वायरस फैमिली के मिडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (मर्स या MERS) और सीवियर एक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (सार्स या SARS) के इलाज में किया गया।


यह फॉर्मूला शरीर में वायरस के फलने-फूलने के लिए जरूरी एंजाइम को काबू करता है। अमेरिकी रेगुलेटर US-FDA ने 28 अक्टूबर 2020 को रेमडेसिविर को कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूरी दी थी। उस समय डोनाल्ड ट्रम्प इन्फेक्ट हुए तो उन्हें भी रेमडेसिविर दी गई थी।

फिलहाल, देश में हर महीने 38.80 लाख इंजेक्शन तैयार किए जा रहे हैं। इस महीने के आखिर तक करीब 80 लाख इंजेक्शन तैयार होंगे। मंत्रालय के मुताबिक, देश में इस वक्त रेमडेसिविर इंजेक्शन के कुल 7 मैन्यूफेक्चरर्स हैं। अब 6 और कंपनियों को इसके उत्पादन की मंजूरी दी गई है। इससे 10 लाख इंजेक्शन हर महीने और बनाए जा सकेंगे। इसके अलावा 30 लाख यूनिट और बनाए जाने की तैयारियां आखिरी दौर में हैं।

कुलमिलाकर भारत में 7 दवा कंपनियां इस समय रेमडेसिविर बना रही हैं। इनमें हिटेरो ड्रग्स, जायडस कैडिला, सन फार्मा और सिप्ला भी शामिल हैं। गिलीड से इन्होंने लाइसेंसिंग एग्रीमेंट किए हुए हैं। इन कंपनियों की कुल उत्पादन क्षमता 39 लाख शीशी हर महीने बनाने की है। जायडस ने मार्च में 100 मिग्रा शीशी की कीमत 2,800 रुपए से घटाकर 899 रुपए कर दी।

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