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इमरान खान को हो सकती है सजा-ए-मौत! पाक आर्मी ठिकानों पर हमलों में चश्मदीदों ने बताया मास्टरमाइंड

लाहौर। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। चुनाव से पहले उन्हें दो अलग अलग मामलों में 10 साल और 14 साल की सजा सुनाई गई है। अब तो उन पर मौत की सजा की तलवार लटक रही है। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को फांसी की सजा भी हो सकती है। दरअसल, पिछले साल 9 मई को सैन्य ठिकानों पर इमरान के समर्थकों द्वारा किए गए हमलों में प्रत्यक्षदर्शियों ने इमरान खान को इस घटना का मास्टरमाइंड करार दिया है। इससे 71 साल के इमरान खान की फजीहत और बढ़ गई है। पाकिस्तानी सैन्य प्रतिष्ठान के करीबी सूत्रों हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इनमें से किसी भी चश्मदीद को प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी रियायत की पेशकश का दावा नहीं किया गया है।

पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले इमरान खान को अब तक कुल 4 मामलों में 34 साल की जेल की सजा हो चुकी है। वहीं देश के खिलाफ षडयंत्र रचने और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले के मास्टरमाइंड के रूप में स्थापित किया जा रहा है। इसका असर चुनावों पर पड़ सकता है। पिछले साल 9 मई को पीटीआई कार्यकर्ताओं ने जिन्ना हाउस (लाहौर कोर कमांडर हाउस), मियांवाली एयरबेस और फैसलाबाद में ISI बिल्डिंग समेत एक दर्जन सैन्य प्रतिष्ठानों पर तोड़फोड़ की थी। रावलपिंडी में सेना के मुख्यालय पर भी हमले हुए थे।


सेना के ठिकानों पर हमले को लेकर इमरान ने कही थी ये बात
हालांकि, खान दावा करते रहे हैं कि सेना के ठिकानों पर हमला लंदन एग्रीमेंट का हिस्सा था। इमरान खान पूर्व पीएम नवाज शरीफ को सेना की ओर से एक बार फिर सत्ता में लाने के प्रयास को लंदन एग्रीमेंट कहते रहे हैं। उनका आरोप है कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज प्रमुख नवाज शरीफ को शक्तिशाली पाकिस्तानी सेना का समर्थन प्राप्त है। बता दें कि सैन्य ठिकानों पर हमला मामले में 100 लोगों पर पहले ही मुकदमे चल चुके हैं। इस केस में आरोपियों को सजा सुनाए जाने की दर 90 फीसदी है।

सैन्य अदालतों पर फिल​हाल पाबंदी, लेकिन खतरनाक रहा है इतिहास
फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सैन्य अदालतों को फैसला सुनाने पर पाबंदी लगा रखी है। अगर इमरान खान पर इस मामले में सैन्य अदालत कार्रवाई करती है तो इस बात की आशंका ज्यादा है कि उन्हें फांसी की सजा सुनाई जाए क्योंकि पाकिस्तान में ऐसा इतिहास रहा है कि जो भी शख्स पाकिस्तानी सेना को चुनौती देता है, वह ज्यादा दिन नहीं बच पाता है। पाकिस्तान आर्मी एक्ट की धारा 59 में दोषी पाए गए शख्स को सजा-ए-मौत सुनाई जा सकती है। इस धारा का इस्तेमाल असैन्य अपराधों के लिए किया जाता है।

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