इन्दौर। शहर में यंू तो रोजाना आत्महत्या के एक-दो मामले सामने आते हैं, लेकिन इस साल के 6 माह में शहर में 6 पुलिसकर्मियों ने आत्महत्या कर ली, जो एक बड़ा सवाल है। पुलिसकर्मियों को आम लोगों से मजबूत माना जाता है, लेकिन अब वे भी आत्महत्या कर रहे हैं। यही नहीं, पूरे प्रदेश में पुलिसकर्मियों की आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं। जनवरी माह से अब तक शहर में पुलिसकर्मियों की आत्महत्या के 6 मामले सामने आए हैं। पहला मामला जनवरी माह में बाणगंगा थाना क्षेत्र में सामने आया था, जहां महिला आरक्षक मनीषा मुराडिय़ा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। दूसरा मामला इसी माह पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज परिसर से आया था। यहां रहने वाली महिला एएसआई नेहा शर्मा ने बिल्डिंग की 7वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली थी। वह डिप्रेशन में थी। उसका उपचार भी चल रहा था। तीसरा मामला बाणगंगा क्षेत्र का था, जहां मुकेश लोधा नामक आरक्षक ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। चौथा मामला बाणगंगा थाने का था, यहां अनूप जाट नामक प्रधान आरक्षक ने आत्महत्या कर ली थी। उसकी लाश एक पेड़ के पास से मिली थी।
आशंका है कि उसने जहर खाया था। पांचवां मामला एमआईजी थाना क्षेत्र का था, जहां परदेशीपुरा थाने में पदस्थ आरक्षक विनोद यादव ने फांसी लगाकर जान दे दी थी। इस मामले में पुलिस ने एक युवती के खिलाफ केस दर्ज किया है। छठा मामला कल द्वारकापुरी क्षेत्र से सामने आया, जहां अनुराग भाबोर नामक आरक्षक ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। बताते हैं कि पत्नी से विवाद के चलते उसने आत्महत्या की। कुछ मामलों में तो कारण सामने आए हैं, लेकिन कुछ मामलों में अभी तक जांच जारी है। कुछ मामलों में यह कहा जा रहा है कि तनाव के चलते आत्महत्या की गई। बताते हैं कि प्रदेश में भी पुलिसकर्मियों की आत्महत्या के मामले बढ़े हैं, जिसके बाद मुख्यालय स्तर पर इसकी जानकारी जुटाई जा रही है और यह पता लगाया जा रहा है कि आखिर पुलिसकर्मी आत्महत्या क्यों कर रहे हैं।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved