इंदौर। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी एक तरफ कोरोना महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है, तो वहीं दूसरी तरफ इस आपदा में भी बदमाशों का गोरखधंधा लगातार जारी है। पहले तो इंदौर में सिर्फ रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी (Black Marketing of Remdesivir Injection) के मामले सामने आ रहे थे लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है जहां इंजेक्शन में फरियादी को पानी दिया गया।
दरअसल इंदौर के रहने वाले अमन सोनी कोरोना से संक्रमित अपने माता-पिता का इलाज घर पर ही करवा रहे थे। पिता की तबीयत बिगड़ने पर उन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप पर रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए के लिए मदद मांगी। जिसके बाद उनके पास रोहित ठाकुर नाम के एक शख्स का फोन आया। उसने कहा मैं कोशिश करता हूं, मिल जाएगा। थोड़ी देर बाद रोहित ने फिर अमन सोनी से संपर्क किया और बताया कि मेरे पास दो इंजेक्शन का इंतेजाम हो गया है। जिसके बाद दो इंजेक्शन का 50 हजार में सौदा तय हुआ।
गोंद से चिपका हुआ मिला इंजेक्शन का ढक्कन
अमन के पिता को जब वो इंजेक्शन लगवाने के लिए नर्स आई तो, इंजेक्शन को देख कर नर्स को कुछ शक हुआ। ध्यान से देखा तो ढक्कन गोंद से चिपका हुआ था। जिसके बाद अमन ने रोहित को फोन करा कहा कि इंजेक्शन नकली हैं। मेरा पैसा वापस करो, नहीं तो मैं पुलिस की मदद लूंगा। जिस पर रोहित ने कहा कि ये इंजेक्शन किसी संक्रमित के लिए बनाया गया था। जिसकी मौत हो गई तो उसे ये नहीं लगा पाए। जिसके बाद उस पर दबाव बनाने के बाद ठग रोहित ने पैसे वापस कर दिए।
अमन का कहना है कि ऐसे न जाने कितने लोग ऐसे ठगे जा रहे होंगे और इनके चक्कर में अपने घरवालों और पैसा दोनों गंवा रहे हैं। वहीं मामले में आईजी हरिनारायणाचारी मिश्र का कहना है, मोबाइल नंबर और फोटोग्राफ मिल गए हैं। हम जल्द ही इन्हें सलाखों के पीछे पहुंचाएंगे।
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