महिदपुर। पर्यूषण पर्व के दौरान महिदपुर में लुणावत परिवार ने तप आराधना के नए कीर्तिमान स्थापित किए और पूर्व में भी परिवार के लोग कठिन तप आराधना करते रहे हैं। इस अवसर पर भव्य कार्यक्रम संपन्न हुआ।
स्वर्गीय कमलाबाई नेमीचंद लुणावत परिवार की पुत्रवधू के पावन महामंगलकारी सिद्धि तप, वर्षी तप, अक्षय निधि तप के अनुमोदनार्थ तीन दिवसीय धार्मिक समारोह के आयोजन में 11 को चौबीसी, 12 को सामयिक मंडल व 13 को सामैया (तपस्वियों का जिनालय गमन) निवास से एवं नवकार मंत्र आराधकों का स्वामी वात्सल्य हुआ। ज्ञातव्य है कि वे पूर्व में भी अनेक बार कई तरह की तप आराधनाएं कर चुकी हैं एवं वर्तमान में 35 उपवास की तपस्वी रत्ना श्रीमती माया लुणावत के पारणे व अन्य तप महोत्सव के अंतर्गत वरघोड़ा, स्वामी वात्सल्य एवम धर्मसभा के साथ सानंद संपन्न हुआ। खरतरगच्छ आराधना भवन में प.पू. विरल प्रभा श्री जी, विपुल प्रभा श्रीजी म.सा. की निश्रा में आपके यहां सिद्धि तप, ओलीजी, दूसरा वर्षीतप तप भी चल रहा है। समस्त श्री संघों द्वारा सबका बहुमान शाल श्री फल से किया गया।
मसा ने फरमाया संकल्प और आत्म शक्ति दृढ़ हो तो हम बड़ा तप कर सकते है जैसा मायाजी ने किया। आपने 53 दिन में सिर्फ 3 दिन आहार ग्रहण कर तपस्या की। पूर्व में भी चंदनबाला नरेन्द्र लुणावत ने भी मासक्षमण का तप किया, निर्मला राजेन्द्र लुणावत के दूसरा वर्षीतप चल रहा है, बिंदिया पुखराज लुणावत ने सिद्धितप कर जिनशासन की शोभा में अभिवृद्धि कर अनुकरणीय कार्य किया है। सकल श्री संघ आप सब की सुखसाता पूछता है। स्व. कमलाबाई नेमीचंद लूणावत परिवार ने समाज में अनुकरणीय, वंदनीय उदाहरण प्रस्तुत किया है। मंगलाचरण, अतिथियों के उदबोधन, चारों गच्छों के अध्यक्षों के पश्चात सीमा चोपडा, संगीता मोदी आदि ने भी विचार व्यक्त किये। संचालन जैनैद्र खेमसरा ने किया। आभार पारस लुणावत ने माना। जानकारी सीमा चौपडा ने दी।
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