देहरादून । उत्तराखंड में (In Uttarakhand) इंस्पेक्टर भर्ती घोटाले में (In the Inspector Recruitment Scam) 30 से 35 इंस्पेक्टरों (30 to 35 Inspectors) पर गाज गिर सकती है (May be Charged) । गोपनीय जांच में पता चला है कि इंस्पेक्टर भर्ती में कम से कम 30 से 35 इंस्पेक्टर नकल करके पास हुए हैं। पहले भी इंस्पेक्टर भर्ती में आरक्षण को लेकर विवाद हुआ था।
विधानसभा सचिवालय में बैकडोर से हुई नियुक्तियों की जांच शुरू हो गई है, साथ ही इंस्पेक्टर भर्ती की भी जांच की जा रही है। इस बीच साल 2015 में भर्ती हुए कुछ इंस्पेक्टरों को लेकर बड़े खुलासे हुए हैं। पता चला है कि इनमें से कुछ इंस्पेक्टर अपना मूल काम केस डायरी तक लिखना नहीं जानते हैं। इसके लिए वे दूसरों को पैसे देते थे। इनकी संख्या उस वर्ष भर्ती हुए कुल इंस्पेक्टरों की 10 फीसदी बताई जा रही है। विभाग में ऐसे इंस्पेक्टरों की इन दिनों खूब चर्चा है।
अक्सर व्यस्तता का दावा कर अपने साथियों और जूनियरों को पैसे देते हैं, ताकि समय पर केस डायरी लिखी जा सके। अब विजिलेंस जांच के बाद ऐसे इंस्पेक्टरों पर सख्त कार्रवाई तय मानी जा रही है। जांच में इनके नकल कर पास होने की पुष्टि हुई तो उन्हें नौकरी से हाथ भी धोना पड़ सकता है। इतना ही नहीं गड़बड़ी पाए जाने पर कुछ विभागीय अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि बिना उनकी मिलीभगत के भर्ती में गड़बड़ी करना असंभव है।
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि प्राथमिक पड़ताल में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इसी के चलते मैंने विजिलेंस जांच की सिफारिश की थी। जांच में कोई दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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