डेस्क: भारत (India) अब आसमान से निगरानी करने की ताकत को और मज़बूत करने जा रहा है. खबर है कि भारतीय वायुसेना (Air Force) को जल्द ही I-STAR (Intelligence, Surveillance, Target Acquisition and Reconnaissance) नाम के एडवांस्ड जासूसी विमान (Spy Plane) मिलेंगे. ये विमान दुश्मन की हर हरकत पर नजर रखेंगे और जरूरत पड़ने पर टारगेट को ध्वस्त करने की क्षमता भी रखेंगे. इस कदम को चीन (China) और पाकिस्तान (Pakistan) से लगातार बढ़ते खतरे के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है.
पिछले कुछ महीनों में भारत और पाकिस्तान के बीच वायुसीमा में तनाव काफी बढ़ा है. मई में पाकिस्तानी एयरफोर्स ने चीन के फाइटर जेट्स की मदद से चुनौती पेश की थी. इस घटनाक्रम ने भारत को चेताया कि उसे अपनी एयर रीकॉन और जासूसी क्षमताओं को और मज़बूत करना होगा. दूसरी तरफ, चीन से भी सीमा विवाद लगातार जारी है. ऐसे में दोनों पड़ोसी देशों की नजदीकी और मिलिट्री साझेदारी भारत के लिए दोहरा खतरा बनती जा रही है.
खबर है कि भारत तीन जासूसी विमान खरीदने की योजना बना रहा है. इसके लिए अमेरिकी कंपनी बोइंग और कनाडा की बॉम्बार्डियर से बातचीत हो रही है. इस डील को डिफेंस मिनिस्ट्री की मंज़ूरी मिलनी बाकी है. ये I-STAR प्रोजेक्ट करीब 10,000 करोड़ रुपये का है. इसमें खास बात ये है कि इसके सेंसर्स भारत में ही बने होंगे, जिन्हें विदेशी विमानों में लगाया जाएगा. यानी देसी दिमाग और विदेशी ताकत का कॉम्बिनेशन. इन सेंसर्स को DRDO के तहत आने वाली CABS (Centre for Airborne Systems) ने तैयार किया है. ये सिस्टम दुश्मन के रडार, मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम और कमांड पोस्ट को दूर से ही पकड़ने में सक्षम हैं.
I-STAR जैसे विमान ऊंचाई पर उड़ते हुए दुश्मन की जमीनी हरकतों को पकड़ सकते हैं. इससे वायुसेना को दूर से ही सटीक हमले करने और दुश्मन की प्लानिंग को नाकाम करने में बड़ी मदद मिलेगी. ये भारत की ‘स्टैंड-ऑफ अटैक’ रणनीति को भी मज़बूत करेगा. हाल ही में भारत ने एयरफोर्स को मज़बूत करने के लिए कई बड़े सौदे किए हैं. जैसे 26 राफेल नेवल फाइटर का 7 बिलियन डॉलर का सौदा, अमेरिका से 470 मिलियन डॉलर में MQ-9B ड्रोन डील, 4.6 बिलियन डॉलर की इमरजेंसी डिफेंस खरीद स्टील्थ फाइटर और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर पर काम तेज किया गया है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved