ढाका: बांग्लादेश (bangladesh) में कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से मतदान (Voting) जारी है. इस बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना (Prime Minister Sheikh Hasina) ने भारत (India) के प्रति आभार व्यक्त (express gratitude) किया है. प्रधानमंत्री हसीना ने 1971 के मुक्ति संग्राम (Freedom struggle) के दौरान दी गई मदद का भी जिक्र किया, जिससे दोनों पड़ोसियों के बीच गहरी दोस्ती की नींव पड़ी.
समाचार एजेंसी एएनआई ने पीएम शेख हसीना से बातचीत का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा, ‘हम बहुत खुशकिस्मत (lucky) हैं कि हमारे पास भारत जैसा भरोसेमंद दोस्त है. हमारे मुक्ति संग्राम के दौरान उन्होंने हमारी मदद की. 1975 के बाद जब हमने अपना पूरा परिवार खो दिया, तब भारत ने हमें आश्रय दिया.’
बता दें कि 1975 में हुई हिंसा में अपना पूरा खो देने के बाद शेख हसीना ने भारत में शरण लिया था. यहां से लौटकर उन्होंने फिर अवामी लीग की कमान संभाली और अब उनके प्रधानमंत्री पद पर लगातार चौथी बार काबिज होने की उम्मीद है.
लगातार चौथे कार्यकाल के लिए उत्सुक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेखा हसीना ने रविवार को 12वें आम चुनाव के लिए ढाका सिटी कॉलेज मतदान केंद्र पर अपना वोट डाला. चूंकि विपक्षी बीएनपी चुनावों का बहिष्कार कर रही है, इसलिए हसीना का सत्ता बरकरार रखना तय है.
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, अवामी लीग की अध्यक्ष हसीना अपनी बेटी साइमा वाजेद, बहन शेख रेहाना और भतीजे रादवान मुजीब सिद्दीकी के साथ सुबह करीब आठ बजे मतदान केंद्र पहुंचीं और अपने मताधिकार का प्रयोग किया. ढाका-10 निर्वाचन क्षेत्र की मतदाता हसीना गोपजगंज-3 निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रही हैं.
42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर स्थानीय समयानुसार सुबह 8 बजे शुरू हुआ मतदान शाम 4 बजे तक जारी रहेगा. चुनाव आयोग के अनुसार, 299 संसदीय क्षेत्रों के लिए कुल 1,970 उम्मीदवार मैदान में हैं. एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार की मौत के कारण चुनाव बाद में होगा. उम्मीदवारों में 1,534 राजनीतिक दलों के और 436 निर्दलीय उम्मीदवार शामिल हैं.
देश में चुनाव पूर्व हिंसा देखी गई जिसमें कई लोगों की जान चली गई. वहीं शनिवार को बांग्लादेश के कम से कम 14 मतदान केंद्रों पर आगजनी की गई, जिनमें से एक मतदान केंद्र राजधानी ढाका के बाहरी इलाके में स्थित है. ऐसे में यह चुनाव कड़ी सुरक्षा के बीच कराया जा रहा है. मतदान के दौरान कानून व व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने के लिए कानून प्रवर्तन एजेंसियों और सुरक्षाबलों के 75 लाख से अधिक सदस्य तैनात किए गए हैं.
भारत के तीन पर्यवेक्षकों समेत 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी करेंगे. वहीं निर्वाचन आयोग ने कहा कि नतीजे आठ जनवरी की सुबह से आने की उम्मीद है.
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