नई दिल्ली । डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के राष्ट्रपति (President) बनते ही अमेरिका (America) ने अवैध प्रवासियों (Illegal migrants) पर ऐक्शन लेना शुरू कर दिया है। ट्रंप ने शपथ ग्रहण के वक्त मैक्सिको सीमा पर सैनिकों की तैनाती और जन्मसिद्धि अधिकार को खत्म करने का ऐलान किया था। रिपोर्ट है कि भारत सरकार (India Government) ट्रंप प्रशासन के साथ मिलकर अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 18 हजार भारतीय नागरिकों की पहचान करने और उन्हें वापस लाने के लिए तैयार है। यह संकेत है कि नई दिल्ली ट्रंप के साथ सहयोग को इच्छुक है और व्यापार युद्ध से बचना चाहता है।
अमेरिका ने लगभग 18,000 अवैध भारतीय प्रवासियों की पहचान की है, जिन्हें वापस भारत भेजा जाएगा। इसके लिए भारत उनकी पहचान की पुष्टि करेगा और निर्वासन की प्रक्रिया शुरू करेगा। हालांकि, यह संख्या कहीं अधिक हो सकती है क्योंकि अमेरिका में अवैध भारतीय प्रवासियों की वास्तविक संख्या स्पष्ट नहीं है।
पंजाब और गुजरात से सबसे ज्यादा अवैध प्रवासी
नाम न बताने की शर्त पर अधिकारियों ने कहा कि यह आंकड़ा काफी अधिक हो सकता है। उन्होंने बताया कि अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे भारतीयों में सबसे अधिक संख्या पश्चिम भारत, विशेष रूप से पंजाब और गुजरात से है।
ट्रंप के कदम का सहयोग कर रहा भारत
अन्य कई देशों की तरह, भारत भी ट्रंप प्रशासन को संतुष्ट करने और उनके व्यापारिक खतरों से बचने के लिए पर्दे के पीछे काम कर रहा है। अवैध प्रवास पर कार्रवाई ट्रंप के चुनावी अभियान का प्रमुख वादा है। सोमवार को शपथ ग्रहण के कुछ घंटों के भीतर ट्रंप ने इस वादे को पूरा करने की दिशा में कदम उठाए। इन फैसलों में जन्मसिद्ध नागरिकता को समाप्त करना और अमेरिकी-मेक्सिको सीमा पर सैनिकों की तैनाती करना शामिल है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, भारत अपनी सहमति के बदले में ट्रंप प्रशासन से उम्मीद कर रहा है कि वे भारतीय नागरिकों को अमेरिका में प्रवेश के लिए दिए जाने वाले वैध प्रवासन चैनलों जैसे कि छात्र वीजा और कुशल श्रमिकों के लिए H-1B कार्यक्रम को संरक्षित रखे। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023 में जारी किए गए 386000 H-1B वीजा में से लगभग तीन-चौथाई भारतीय नागरिकों को मिले थे।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved