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भारत-अमेरिका युद्धाभ्यास: अलर्ट मिलते ही चील गिरा देंगे दुश्‍कनों के ड्रोन

देहरादून। उत्तराखंड के तपोवन (Tapovan of Uttarakhand) में भारत और अमेरिका की सेना का संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण युद्धाभ्यास (US military joint military training exercise) जारी है। यहां औली में चल रहे भारत और अमेरिका के साझा युद्धाभ्यास (joint maneuver) का मुख्य आकर्षण एंटी-ड्रोन चील है।

आपको बता दें कि उत्तराखंड के तपोवन में भारत और अमेरिका की सेना का संयुक्त सैन्य प्रशिक्षण युद्धाभ्यास चल रहा है। बुधवार को दोनों देशों के सैनिकों ने पहाड़ी इलाकों में आपदा के दौरान स्थिति को संभालने को लेकर अभ्यास किया। भारतीय सेना अब जानवरों और खास बर्ड्स को एंटी-ड्रोन तकनीक के लिए इस्तेमाल कर रही है। ऐसी ही एक काइट यानी चील ने अमेरिकी सेना की मौजूदगी में एक ड्रोन को आसमान में मार गिराया।



डीआरडीओ से लेकर प्राइवेट कंपनियां भी लेजर और फ्रीक्वेंसी जाम करने वाले एंटी-ड्रोन सिस्टम मार्केट में लाई है लेकिन इन सबके बीच भारतीय सेना ने डॉग्स और काइट (चील) को ड्रोन मार गिराने के लिए तैयार किया है. इन डॉग्स और ईगल (चील) को भारतीय सेना के मेरठ स्थित आरवीसी सेंटर भी खास ट्रेनिंग दी गई है।
अमेरिकी सेना के अधिकारी ब्रैडी कैरोल ने कहा कि हम फ्लैश फ्लड और इसी तरह की स्थितियों के बारे में एक संयुक्त अभ्यास कर रहे हैं। यह भारतीय सेना और अमेरिकी सेना के बीच रक्षा सहायता मिशन और संबंधों को और मजबूत करने पर केंद्रित है।

वहीं, कैप्टन डीएस भाटी ने कहा कि संयुक्त अभ्यास के दो सप्ताह हो गए हैं। अब हम पहाड़ी इलाकों में त्रासदियों के दौरान हताहतों की संख्या से निपटने और मानवीय सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

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