बेंगलुरु। कई भारतीय कंपनियों (Indian Companies) ने अपने कर्मचारियों के लिए कोविड-19 वैक्सीन (Covid-19 Vaccine) खरीदने की योजना बनाई है. भारत में दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सिनेशन अभियान चल रहा है जिसमें हेल्थकेयर और अन्य फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन लगाई जा रही हैं. स्टील उत्पादक जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, महिंद्रा ग्रुप और आईटीसी लिमिटेड जैसी बड़ी कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के लिए वैक्सीन का इंतजाम करने की दिशा में शुरुआती कदम उठाए हैं. ऐसी उम्मीद है कि सरकार की प्राथमिकता पूरी होने के बाद कोविड वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी और कंपनियां इसे खरीद सकेंगी.
कारपोरेट ह्यूमन रिसोर्स के प्रमुख अभिताव मुखर्जी ने कहा-‘आईटीसी अपने कर्मचारियों के लिए वैक्सीन चाहती है. हमने वैक्सीन निर्माता कंपनियों से संपर्क किया है और बातचीत चल रही है.’ अभी भारत में सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक की वैक्सीन के जरिए टीकाकरण किया जा रहा है.
टाटा ने कहा-व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होते ही कर्मचारियों को लगवाएगी वैक्सीन
टाटा स्टील ने कहा कि वह वैक्सीन के व्यावसायिक रूप से उपलब्ध होते ही, इसे अपने कर्मचारियों को लगवाएगी. पिछले साल लगाए गए दुनिया के सबसे सख्त लॉकडाउन के बाद फैक्ट्रियां धीरे-धीरे सुधार पर आ रही हैं. इस लॉकडाउन के कारण बहुत बड़ी संख्या में लोगों से रोजगार छूट गया तो वहीं मजदूर पलायन कर अपने गांवों को वापस चले गए थे.
जेएसपीएल के चीफ ह्यूमन रिसोर्स अफसर पंकज लोचन ने कहा कि हम वैक्सीन की बड़ी मात्रा में सप्लाई के लिए निर्माताओं के संपर्क में हैं. सभी कोविड वारियर्स के वैक्सिनेशन के पूरा होने के बाद इस वैक्सीन को पाना चाहते हैं. कंपनी ने यह खुलासा नहीं किया है कि वह कितनी संख्या में वैक्सीन खरीदी करेगी या उसकी किस कंपनी से बातचीत हो रही है.
क्या बोले आनंद महिंद्रा
दुनिया की दूसरे सबसे बड़ी आबादी वाले देश भारत में अमेरिका के बाद सबसे अधिक कोरोना संक्रमित हैं. महिंद्रा ग्रुप के प्रमुख आनंद महिंद्रा ने कहा है कि हम भी अपने कर्मचारियों के लिए वैक्सीन खरीदना चाहते हैं. ऐसा सरकार द्वारा तय प्राथमिकता और क्रम के अनुसार ही होगा. वहीं यूनीलिवर ने भी अपने कर्मचारियों से कहा है कि जल्द से जल्द वैक्सीनेशन कराएं. साथ ही यह कहा है कि गरीब देशों के लोगों के वैक्सिनेशन में मदद भी करना चाहिए. सरकार जहां कोरोना वारियर्स, हेल्थ वर्कर्स और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीन देने की जल्दबाजी में है, तो वहीं दुनिया की कई कंपनियां अपने कर्मचारियों के वैक्सिनेशन को लेकर शांत भी हैं.