इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDOER : कोरोना का खौफ, 365 दिन में मात्र 130 प्रकरण


महिला उत्पीडऩ घटनाएं तो बढ़ी, लेकिन अपराध दर्ज नहीं
1370 घरों को पुलिस ने बिखरने से बचाया
इन्दौर। शहर में पुलिस के तमाम प्रयासों के बावजूद महिला उत्पीडऩ और घरेलू हिंसा की घटनाएं निरंतर बढ़ी हैं। हालांकि कोरोना काल और लॉकडाउन के चलते मु_ीभर अपराध इस दौरान पंजीबद्ध हुए। जिले के एकमात्र महिला थाने का एक साल का रिकार्ड उठाकर देखें तो मात्र 130 मामले ही पंजीबद्ध हुए हंै, जबकि 1370 प्रकरणों में सुलह के जरिए घर टूटने से बच गए।
महिला थाना प्रभारी ज्योति शर्मा ने बताया कि बीते वर्ष 2020 में महिला थाने में उत्पीडऩ की शिकार हुई 1500 महिलाओं ने शिकायती आवेदन पत्र प्रस्तुत किए, जिनमें ज्यादातर मामले दहेज यातना, घर से बेदखल करने और घरेलू हिंसा के भी शामिल हैं। इन सभी मामलों में पुलिस ने सम्बंधित लोगों को बुलाकर जांच-पड़ताल की। कुछ ऐसे भी मामले सामने आए, जिनमें शादी के बाद से ही तरह-तरह की यातनाएं दे रहे थे। ऐसे करीब 130 मामले पूरे वर्षभर में दर्ज किए गए। हालांकि छह माह के दौरान कोरोना संक्रमण तथा लॉकडाउन के चलते मामले दर्ज नहीं हो सके। महिला थाना प्रभारी का मानना है कि जब तक सामाजिक व्यवस्था नहीं सुधरती तब तक घरेलू हिंसा और महिला उत्पीडऩ के मामले लगातार आते रहेंगे। उन्होंने बताया कि हाल ही में कुछ मामले कुटुम्ब न्यायालय में भेजे गए हैं, जिनमें कुछ तलाक के भी शामिल हैं। पुलिस ने काउंसलिंग के जरिए लगभग 1370 मामलों का निपटारा कर महिलाओं को उनके परिवार से मिलवाया। पुलिस की इस पहल से कई घर टूटने से बच गए। महिला थाना प्रभारी का कहना है कि कुछ ऐसे भी प्रकरण लम्बित पड़े हैं, जिनमें महिलाओं ने पति से अलग होने की मंशा जाहिर की है। हालांकि इस मामले में फिर से काउंसलिंग कर समझाइश देने के प्रयास किए जाएंगे।
स्वावलम्बन डेस्क के जरिए महिलाओं को मिला रोजगार
आईजी हरिनारायाणचारी मिश्र के प्रयास से महिला थाने में मां अहिल्या स्वावलम्बन डेस्क की शुरुआत पिछले माह की गई है। इसमें ऐसी महिलाएं, जिन्हें परिवार वालों ने छोड़ दिया है और वे निराश्रित हो गई हैं, को आत्मनिर्भर और स्वावलम्बी बनाया जा रहा है। ऐसी महिलाएं, जो परिवार में पति, ससुराल पक्ष द्वारा घरेलू हिंसा व किसी भी प्रकार के शोषण से पीडि़त हैं, उन्हें अपना और अपने बच्चों का जीवनयापन एवं भरणपोषण करने के लिए सामाजिक संस्थाओं से समन्वय स्थापित कर रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं। अब तक ऐसी चार महिलाओं को रोजगार दिलाया जा चुका है। हाल ही में एक महिला को पेट्रोल पम्प पर नौकरी दिलवाई गई।

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