इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : त्यौहार की भीड़ के बावजूद 6 महत्वपूर्ण ट्रेनें बंद पड़ी

इंदौर से छिंदवाड़ा और रात में चलने वाली भोपाल पैसेंजर जैसी ट्रेनें भी नहीं चला रहा है रेलवे
इंदौर।
कोरोना काल में बंद की गई 6 महत्वपूर्ण ट्रेनों (trains) को रेलवे (railway) अभी तक शुरू नहीं कर रहा है, जबकि इन ट्रेनों के कारण दूसरी ट्रेनों में वेटिंग बढ़ रही है। इनमें छिंदवाड़ा एक्सप्रेस (chhindwara express) और रात में इंदौर से चलने वाली भोपाल पैसेंजर (bhopal passenger) जैसी ट्रेनें भी शामिल हैं जो सामान्य यात्रियों को सस्ती पड़ती है।


रेलवे (railway) ने अपनी फायदे की ट्रेनों को तो शुरू कर दिया है, क्योंकि लंबी दूरी की इन ट्रेनों (trains) के आरक्षित कोच में स्पेशल ट्रेन (special train) का किराया लिया जा रहा है। पहले संभावना थी कि रेलवे त्यौहार के पहले यात्रियों से पहले की तरह ही किराया लेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और यात्रियों से बढ़ा हुआ किराया वसूला जा रहा है। दूसरी ओर जो ट्रेनों (trains)  अनारिक्षत यात्रियों के लिए फायदेमंद थीं, उन्हें रेलवे अभी तक शुरू नहीं कर सका है। इनमें इंदौर से चलने वाली छिंदवाड़ा-भंडारकुंड एक्सप्रेस (chhindwara-bhandarkund express), शाम को 6 बजे चलने वाली अजमेर-जयपुर एक्सप्रेस (ajmer-jaipur express), नागदा पैसेंजर, महू की डेमू ट्रेन, गांधीधाम एक्सप्रेस तो शामिल हैं हीं रात को चलने वाली इंदौर-भोपाल पैसेंजर (bhopal passenger) भी हैं, जिसमें सर्वाधिक यात्री सफर करते हैं। छिंदवाड़ा एक्सप्रेस (chhindwara express) इंदौ रसे दोपहर को रवाना होती है और भोपाल (bhopal) के लिए कम किराये में यह ट्रेन यात्रियों के लिए अच्छी सौगत थी, लेकिन इसे अभी तक शुरू नहीं किया जा रहा है। वहीं शाम को अजमेर के रास्ते जयपुर जाने वाली ट्रेन भी बंद हैं जो यात्री इंदौर से नागदा तक लोकल में सफर करते थे और उन्हें किराया कम लगता था वे भी परेशान हैं, उन्हें या तो एक्सप्रेस ट्रेन से जाना पड़ रहाहै या फिर बसों में महंगा किराया देना पड़ रहा है। गांधीधाम एक्सप्रेस (gandhidham express) भी लंबे समय से बंद पड़ी है। यह ट्रेन अहमदाबाद (ahmedabad) से आगे जाने वाले यात्रियों के लिए फायदेमंद हैं, लेकिन रेलवे इसे झभी शुरू नहीं कर पा रहा है। इस ट्रेन को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश यात्री बाकी पांचों ट्रेनों (trains)  से सफर करते हैं, क्योंकि इनमें जनरल कोच का किराया कम होता है। अब ट्रेनें नहीं चल रही हैं तो यात्रियों को बढ़ती महंगाई में बढ़ा हुआ किराया देकर ही सफर करना होगा, या तो फिर उन्हें बस से महंगा सफर करना होगा। इसको लेकर कई बार रेल यात्री संघ रेलवे के बड़े अधिकारियों से संपर्क कर चुके हैं, लेकिन इस संबंध में निर्णय नहीं हो पाया है। रेलवे प्रशासन का कहना है कि अभी कोविड (covid) की गाइड लाइन (guide line) का पालन करते हुए ही टे्रनें चलाई जा रही हैं और जैसे-जैसे प्रदेश सरकार अनुमति देती हैं वैसे ट्रेनें शुरू की जाती है।

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