किसी को नहलाया, तो किसी की दाढ़ी-कटिंग… ताबड़तोड़ बैठकें और फैसलों पर अमल भी शुरू
इन्दौर। रोड किनारे, फुटपाथ और रैन बसेरे में रहने वाले बेसहारा बुजुर्गों के दिन फिरे हैं। निगमकर्मियों की मूर्खतापूर्ण कार्रवाई के चलते इन्दौर पर जो दाग बुजुर्गों के अपमान का लगा, उसके बाद सरकारी मशीनरी हरकत में आ गई। संभागायुक्त व निगम प्रशासक डॉ. पवनकुमार शर्मा ने ताबड़तोड़ बैठकें लीं, जिनमें मेडिकल चेकअप, उपचार कराने से लेकर सर्वे कर पुनर्वास कराने का निर्णय भी लिया गया।
कुछ भिखारियों से चर्चा भी की गई तो उन्होंने कहा कि रैन बसेरे या आश्रमों में उनका सामान और पैसे चोरी हो जाते हैं, जिसके चलते संभागायुक्त ने लॉकर की सुविधा भी उपलब्ध कराने की बात कही, जिसमें उनका सामान और पैसे सुरक्षित रहेंगे। सभी जिलों के कलेक्टरों से भी संभागायुक्त ने गूगल मीट के माध्यम से चर्चा की। उसके पहले निगमायुक्त प्रतिभा पाल, सीएमएचओ पूर्णिमा गाडरिया सहित अन्य विभागों के अधिकारियों, एनजीओ ने वृद्धाश्रम के प्रतिनिधियों से चर्चा की, जिसमें सांसद भी मौजूद रहे। अरबिन्दो हास्पिटल के सहयोग से मेडिकल चेकअप कराने का अभियान भी शुरू किया गया। कुछ भिखारियों को नहलाया-धुलाया गया तो किसी की दाढ़ी-कटिंग बनवाने के साथ उनका मेडिकल चेकअप भी किया गया। मरहम-पट्टी के साथ उपचार भी शुरू कराया गया। शहर को भिक्षावृत्तिमुक्त बनाने का दावा भी किया गया और ऐसे स्थलों का चिह्नांकन किया जाएगा, जहां भिक्षावृत्ति अधिक होती है। मानसिक रूप से अगर कोई पीडि़त है तो उसे मानसिक चिकित्सालय में भी भिजवाएंगे। आगामी सात दिनों तक स्वास्थ्य परीक्षण का अभियान चलेगा।
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