इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : गांधी नगर संस्था की जमीन लेंगे, निजी स्कूल भी होगा शिफ्ट

  • मेट्रो प्रोजेक्ट में अब अगस्त से आएगी तेजी… कलेक्टर ने शुरू की समीक्षा… सात एलिवेटेड निर्माण के भी टेंडर मंजूर

इंदौर। ठप पड़े मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) को गति देने के प्रयास किए जा रहे हैं। कलेक्टर (Collector) द्वारा अब लगातार मेट्रो (Metro) की समीक्षा हर 15 दिन में की जाएगी। गांधी नगर (Gandhi Nagar) में भी डिपो सहित अन्य काम होना है, जिसके लिए गांधी नगर संस्था (Gandhi Nagar Institution) की जमीन (Land) भी मेट्रो के लिए दी जाएगी। इसके लिए संस्था के पदाधिकारियों से सहमति भी हो गई है। इसी तरह लवकुश चौराहे पर एक निजी स्कूल ( Private School Operator) को भी शिफ्ट कराया जाएगा और इसका खर्चा मेट्रो कार्पोरेशन (Metro Corporation) ही वहन करेगा। निजी स्कूल संचालक को भी इसके लिए राजी कर लिया है।



पहले तो कोरोना संक्रमण, लॉकडाउन (Corona Transition, Lockdown) के चलते भी मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) में रूकावट आई और उसके बाद मेट्रो से जुड़े अधिकारियों ने भी लापरवाही बरती। एयरपोर्ट (Airport) से मुमताजबाग, खजराना (Mumtazbagh, Khajrana) तक का ट्रैक पहले तैयार किया जाना है। भूकंप झोन (Earthquake Zone) 4 के आधार पर ही ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। पिछले दिनों शासन के निर्देश पर कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) को मेट्रो प्रोजेक्ट (Metro Project) की समीक्षा का जिम्मा सौंपा गया और उन्होंने हर 15 दिन में समीक्षा करने का निर्णय भी लिया। पिछली बैठक में भी उन्होंने लापरवाह अफसरों को फटकार लगाई थी। इसका असर यह हुआ कि उससे जुड़े अधिकारियों ने कागजी तैयारी भी की और विजय नगर चौराहा पर अपोलो प्रीमियम में स्थित मेट्रो कार्पोरेशन के दफ्तर में भी हलचल शुरू हो गई। कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) द्वारा ली गई बैठक में मेट्रो कार्पोरेशन के कार्यकारी संचालक गौतम सिंह, निगमायुक्त श्रीमती प्रतिभा पाल, अपर कलेक्टर पवन जैन, डॉ. अभय बेड़ेकर के अलावा सीईओ प्राधिकरण विवेक श्रोत्रिय और अन्य अधिकारी मौजूद रहे। गांधी नगर (Gandhi Nagar) से एमआर-10 तक वाय डक्ट और स्टेशन निर्माण की अनुमति भी दी गई। वहीं डिपो के लिए जमीन का सीमांकन के अलावा नैनोद में पॉवर सब स्टेशन बनना है। इसके लिए गांधी नगर संस्था (Gandhi Nagar Institution) की कुछ जमीन भी हासिल की जाएगी। इसी तरह लव-कुश चौराहा पर एक निजी स्कूल (Private School Operator) भी बाधक बन रहा है, उसे भी शिफ्ट कराया जाएगा। कलेक्टर ने पिछली बैठक में इस बात पर भी नाराजगी जताई थी कि मेट्रो से संबंधित अधिकारी इंदौर में बैठ ही नहीं रहे हैं और ना ही कार्यालय व्यवस्थित रूप से संचालित हो रहा है, जिसके चलते अब मेट्रो ट्रेन कार्पोरेशन का दफ्तर भी फिर से शुरू हो गया है और संबंधित अधिकारी कार्यालय में बैठने भी लगे। कल की बैठक में यूरोप से आए प्रोजेक्ट डायरेक्टर सिमोन फरी भी शामिल हुए।

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