इंदौर न्यूज़ (Indore News)

INDORE : चमचमाते शोरूम पर चली पोकलेन, जमकर हुआ हंगामा, कर्मचारी और मालिक पोकलेन के आगे लेट गए

– भारी भरकम अमला लेकर पहुंचे निगम अफसर, कार्रवाई देखने के लिए एमआईजी में लगा जाम
– जी प्लस-2 की अनुमति ली थी, जी प्लस-5 बना डाली
– अन्नपूर्णा ड्रेसेस पर काम करने वाले कर्मचारियों की निगमकर्मियों के साथ बहस
– शोरूम मालिक का कहना- रात को दिया नोटिस, सुबह तोडऩे आ गई गैंग
इंदौर।
आज सुबह-सुबह नगर निगम का भारी-भरकम अमला एमआईजी रोड पर एक शोरूम ढहाने पहुंचा। इससे सनसनी फैल गई और शोरूम मालिक से लेकर कर्मचारी लामबंद हो गए। इसी बीच उन्हें हटाने को लेकर निगमकर्मियों का विवाद हो गया। मामला हाथापाई तक पहुंच गया। बाद में शोरूम के कई कर्मचारी और मालिक पोकलेन के आगे लेट गए और समय देने की मांग करते रहे, पर पुलिस की मदद से निगम अफसरों से उन्हें हटाकर कार्रवाई शुरू करा दी। शोरूम की जी प्लस-2 की अनुमति है, जबकि उसे जी प्लस-5 बना लिया गया। साथ ही अवैध रूप से बेसमेंट का निर्माण कर लिया गया। निगम द्वारा शहर में अवैध निर्माण तोडऩे की कार्रवाई फिर शुरू की गई है। इसी के चलते सुबह निगम के आला अधिकारियों की टीम 6 पोकलेन, 5 जेसीबी और बड़ी संख्या में निगमकर्मियों को लेकर एमआईजी थाने वाली सडक़ पर अन्नपूर्णा ड्रेसेस के शोरूम पर पहुंची। निगम अधिकारी अनूप गोयल के मुताबिक पांच हजार स्क्वेयर फीट में शोरूम मिलिंद वासिमकर द्वारा बनाया गया है। इसकी निगम से जी प्लस-2 की अनुमति ली गई और मौके पर जी प्लस-5 शोरूम का निर्माण कर लिया गया।

इधर तोडफ़ोड़, उधर हंगामा
शोरूम को तोडऩे की कार्रवाई दो पोकलेन से शुरू की गई थी। शोरूम संचालक ने सामान हटाने की मांग की तो उन्हें मना कर दिया गया। महिला कर्मचारी एक-दूसरे से मिलकर रोती रहीं। कार्रवाई के दौरान वहां कुछ ऐसे दृश्य भी हुए, जिससे अधिकारी भी कुछ समय के लिए भावुक हो गए। शोरूम की एक महिला कर्मचारी शोरूम टूटता देख जोर-जोर से रो रही थी। बाद में महिला पुलिस और निगम बाउंसरों ने उसे एक ओर किया। कर्मचारी निगम अफसरों से भी यह सवाल भी कर रहे थे कि जब बिल्डिंग गलत और अवैध बन रही थी तो अधिकारी उस समय क्यों नहीं आए? आखिर सारी बिल्डिंगें बन जाने के बाद निगम की टीमें तोडऩे क्यों पहुंचती हैं?


शोरूम मालिक से लेकर कर्मचारी पोकलेन के आगे लेट गए
निगम के अधिकारियों से बार-बार मोहलत देने की मांग करते हुए वासिमकर परिवार के कई सदस्य कर्मचारियों के साथ शोरूम के मुख्य द्वार पर खड़ी दो पोकलेन के आगे लेट गए और निगम अफसरों को कहने लगे कि अगर शोरूम तोड़ा गया तो उनके परिवार के लालन-पालन में दिक्कत आएगी। अधिकारी उन्हें समझाने की कोशिश करते रहे। बाद में पुलिस बल की मदद से उन्हें हटाया गया।

अचानक शुरू हो गई हाथापाई
निगम रिमूवल कर्मचारियों की टीम शोरूम के कर्मचारियों को वहां से हटाने में जुटी थी, इसी दौरान विवाद बढ़ा और मामला हाथापाई तक पहुंच गया। देखते ही देखते निगमकर्मी और शोरूम के कर्मचारी आपस में भिड़ लिए। बाद में एमआईजी थाने से अतिरिक्त पुलिस बल बुलवाया गया।

गेट पर खड़े हो गए शोरूम के कर्मचारी
निगम की कार्रवाई को लेकर शोरूम मालिक के साथ-साथ वहां काम करने वाले करीब सौ महिला-पुरुष कर्मचारी निगम अधिकारियों से समय देने की मांग करते रहे। इसी दौरान बातचीत में विवाद हो गया, जिसके चलते सारे कर्मचारी उग्र हो गए। उनका कहना था कि अभी कोरोना से उबरे हैं और ऐसे में निगम की तोडफ़ोड़ से वे न केवल बेरोजगार हो जाएंगे, बल्कि उनका परिवार भी संकट में पड़ जाएगा।

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