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मप्र न्यायाधीश संघ के अध्यक्ष बने इंदौर के प्रधान जिला न्यायाधीश सुबोध कुमार जैन

जबलपुर। मप्र न्यायाधीश संघ (MP Judges Association) का रविवार को आनलाइन चुनाव (online election) संपन्न हुआ, जिसमें इंदौर (Indore) के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश (Principal District and Sessions Judge) सुबोध कुमार जैन (Subodh Kumar Jain) ने 567 मत हासिल किये और वे संघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।


मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि मलीमथ के मार्गदर्शन से मध्यप्रदेश न्यायाधीश संघ द्वारा रविवार को “वर्चुअल सम्मेलन आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश के लगभग 1600 न्यायिक अधिकारियों ने भाग लिया। सम्मेलन के बाद मध्यप्रदेश न्यायाधीश संघ के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ। कुल 1479 न्यायिक अधिकारियों ने मतदान किया, जो राज्य में न्यायिक अधिकारियों के कुल कैडर का 89.63 प्रतिशत है।

मध्यप्रदेश न्यायाधीश संघ के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने वाले छह उम्मीदवारों में से इंदौर के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुबोध कुमार जैन 567 मतों के साथ विजयी हुए। जैन ने वर्ष 1990 में सिविल जज क्लास 2 के रूप में न्यायिक सेवा में प्रवेश किया और अपने मिलनसार और मददगार स्वभाव के लिए जाने जाते हैं।

संघ की नवीन कार्यकारिणी में एमएसए अंसारी, प्रधान जिला न्यायाधीश, झाबुआ उपाध्यक्ष, अजय सिंह ठाकुर सचिव, सिद्धार्थ तिवारी सह-सचिव, धर्मेंद्र कुमार टाडा कोषाध्यक्ष के रूप में सम्मिलित हैं। संघ की नवीन कार्यकारिणी ने न्यायिक अधिकारियों के कार्यस्थल पर अनुकूल वातावरण बनाने, सेवा शर्तों में सुधार, उनके बौद्धिक उत्थान के लिए काम करना और लगातार परिवर्तनशील परिवेश के प्रति चते ना और जागरुकता पैदा करते हुए देश के नागरिकों को सामाजिक, राजनैतिक व आर्थिक न्यायदान प्रदान करने के लिए न्यायिक अधिकारियों को प्रेरित करने के संघ के प्रमुख उद्देश्यों को आगे बढ़ाने का संकल्प लिया है।

यह चुनाव मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की आईटी विंग की सहायता से संघ द्वारा बनाए गए एक समर्पित पोर्टल पर ऑनलाइन मोड से आयोजित किया गया था। न्यायिक अधिकारियों द्वारा उनके पंजीकृत मोबाइल नंबरों पर प्राप्त ओटीपी का उपयोग कर उनके पदस्थापना के स्थान से गुप्त मतदान किया गया।

संघ के अध्यक्ष का कार्यकाल दो वर्ष का होगा। मध्यप्रदेश जैसे बड़े राज्य में ऑनलाइन चुनाव ने बहुत समय व खर्च बचाया गया है और न्यायिक अधिकारियों को यात्रा करने और मतदान के लिए अपना स्थान छोड़ने की आवश्यकता नहीं पड़ी। इसके अलावा, चुनाव के कारण न्यायिक कार्य में बाधा नहीं आई है। (एजेंसी, हि.स.)

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