इंदौर न्यूज़ (Indore News)

चुनाव में अपने विरोधी की हर हरकत और भीतरघात करने वालों नजर रखने के लिए जासूसों की घुसपैठ

सोशल मीडिया मैनजमेंट कम्पनियो के साथ प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियों को भी मिला रोजगार

शहर में एक्टिव है 10 प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियां

इंदौर। इस बार चुनाव के चलते सोशल मीडिया (Social Media) पर पब्लिसिटी, इमेज बिल्डिंग और डेमेज कंट्रोल (Publicity, Image Building and Damage Control) के लिए, जंहा डिजीटल मीडिया मैनेजमेंट कम्पनियों को लाखों रुपये का रोजगार मिल रहा है तो वहीं चुनाव में अपने विरोधियों से लेकर साथ मे रह कर भीतरघात करने वालों का पता लगाने के लिए शहर की लगभग 5 प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियों को कांट्रेक्ट दिया गया है। इन एजेंसियों के निजी जासूसों की टीम इन्हें अनुबंध करने वाली पार्टी के प्रतिद्वंद्वी से लेकर उनके संदिग्ध समर्थकों पर भी 24 घंटे नजर रख रही है।


विधानसभा चुनाव (assembly elections) लडऩे वाले, प्रत्याशियों का चुनाव प्रबंधन सम्हालने वाले रणनीतिकारों ने पर्दे के पीछे रह कर अपने उम्मीदवार के सामने वाले विरोधी प्रत्याशी की हर जानकारी और उसकी अंदरूनी गतिविधियो पर नजर रखने के अलावा , जनसम्पर्क के दौरान साथ रह कर भीतरघात करने वालों की जानकारी जुटाने की जिम्मेदारी शहर की प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसियों को सौपी है। यह डिटेक्टिव कम्पनी हर दिन सारी जानकारी उन्हें अनुबंधित करने वाले प्रत्याशियों को दे रही है। प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी के जासूस अपनी अनुबंधित पार्टी के विरोधी उम्मीदवार की सामाजिक, वैवाहिक, उनकी संतान, रिश्तेदार से लेकर महिला मित्र उनके कट्टर समर्थक , उसके गुप्त शत्रुओं सहित प्रत्याशी के चरित्र की गोपनीय पहलुओं का पता लगाने के अलावा विरोधी उम्मीदवार चुनाव व जन सम्पर्क की गोपनीय रणनीति की जानकारी जुटाने के लिए प्रत्याशी के समर्थकों में शामिल हो कर काम करते है। डिटेक्टिव एजेंसी अनुबंधित प्रत्याशी से काम के हिसाब से फीस तय करती है जो हजारों से कर 5 लाख रुपये तक होती है। फीस के हिसाब से डिटेक्टिव एजेंसी जासूसों की टीम बनाती है। यानी अपनी पहचान छुपाते हुए कितने लोगो को मैदान में उतारना है। जासूसों की टीम विरोधी प्रत्याशियों के घर से निकलने से लेकर उसके जनसम्पर्क करने के बाद उसके घर लौटने तक हर पल की जानकारी तो रखती ही है इसके अलावा खुद के उम्मीदवार के साथ रहने वाले समर्थकों को हर गतिविधि पर नजर रहती है। इस मामले में प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी हमेशा नाम और पब्लिसिटी से दूर रहती है। इससे उनकी गोपनीयता भंग होने का खतरा रहता है। ऑक्टोपस कम्पनी के संचालक ने बताया कि इस समय अकेले इंदौर में ही उनकी एजेंसी के अलावा लगभग 5 डिटेक्टिव एजेंसीया और उनके 30 जासूस चुनाव में काम कर रहै है। जिसमे युवक युवतियां दोनों शामिल है।

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