- केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने फाइनल नोटिफिकेशन जारी करते हुए लगाई अंतिम मुहर
- 12 पेज की डायरी के रूप में दर्ज होगी ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़ी हर जानकारी, विदेशों में लाइसेंस चैक करने के लिए क्यूआर कोड स्कैन करते ही मिल जाएगी सारी जानकारी
उज्जैन। देश में सालों से चले आ रहे इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस को बंद कर दिया गया है। अब जल्द ही इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस नए रूप में मिलेगा। इस पर पहली बार क्यूआर कोड लगाए जाएंगे। इनकी मदद से विदेशों में जांच अधिकारी आसानी से इनकी जांच कर सकेंगे। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने कल ही फाइनल नोटिफिकेशन जारी करते हुए देश में इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस के नए रूप पर अंतिर मुहर लगा दी। देश में लंबे समय से इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस के पुराने ढर्रे को बदले जाने की मांग की जा रही थी। इसे देखते हुए 23 मार्च को मंत्रालय ने इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस का नया प्रारूप जारी करते हुए लोगों से दावे-आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। इन पर पांच विचार के बाद कल मंत्रालय ने इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस के नए रूप को लागू करने का आदेश जारी किया। नए इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस भी पहले की तरह डायरी के रूप में ही होंगे, लेकिन इन पर दर्ज जानकारी की पुष्टि के लिए क्यूआर कोड भी लगाए जाएंगे, जिनसे विदेशों में जांच के दौरान अधिकारी सिर्फ कोड स्कैन कर लाइसेंस के सही होने और जानकारी का मिलान कर सकेंगे। इससे अक्सर विदेशों में भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस पर उठने वाले सवालों पर भी रोक लगेगी।
बड़ी संख्या में विदेश जाने वाले बनवाते हैं इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस
भारत से बड़ी संख्या में लोग हर साल विदेश जाते हैं। इनमें नौकरी की तलाश में जाने वालों के साथ ही स्टूडेंट्स से लेकर नौकरीपेशा, व्यापारी और पर्यटक शामिल होते हैं। विदेशों में वाहन चलाने के लिए ये लोग अपने साथ इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस लेकर जाते हैं, जिसे इंटरनेशनल ड्राइविंग परमिट भी कहा जाता है। ये परमिट भारत के निवासी के मौजूदा लाइसेंस के आधार पर ही बनाया जाता है। इसके लिए आवेदक को अपना ड्राइविंग लाइसेंस, वीजा और पासपोर्ट देना पड़ता है। तय फीस जमा करने के बाद संबंधित आरटीओ अधिकारी उसे इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते हैं।
विदेशों में भारतीय लाइसेंस की विश्वसनीयता पर उठते हैं सवाल
अब तक देश के ज्यादातर राज्यों में जारी किए जाने वाले इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस डायरी के रूप में होते हैं और इन पर दर्ज जानकारी हाथ से लिखी होती है। इसे कई देशों में स्वीकार ही नहीं किया जाता और नकली माना जाता है, क्योंकि इनकी जांच की कोई व्यवस्था संबंधित अधिकारियों के पास भी नहीं होती। ऐसी परेशानियों को देखते हुए ऐसे लोग जब दोबारा भारत आकर आरटीओ ऑफिस जाकर परेशानी बताते हैं तो उन्हें आरटीओ से एक प्रिंटेड सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाता है। नए ड्राइविंग लाइसेंस में क्यूआर कोड होने पर विदेशों में जांच अधिकारी इसे स्कैन करते हुए जानकारी चैक कर सकेंगे। इससे लोगों को परेशानी नहीं होगी। हालांकि नए लाइसेंस में भी जानकारी हाथ से लिखी होगी या प्रिंटेड यह अभी स्पष्ट नहीं है।
सेंट्रल सर्वर से जुड़ी होगी हर लाइसेंस की जानकारी
देश में जारी होने वाले हर ड्राइविंग लाइसेंस की जानकारी को केंद्र के सारथी पोर्टल से जोड़ा गया है। नई व्यवस्था के तहत अब जो भी इंटरनेशनल ड्राइविंग लाइसेंस जारी होंगे, उनकी जानकारी भी पोर्टल पर अपलोड की जाएगी। इसके माध्यम से किसी भी लाइसेंस की जांच दुनिया में कहीं से भी सर्वर के माध्यम से की जा सकेगी। क्यूआर कोड भी सर्वर से ही जनरेट किए जाएंगे, जिसे स्कैन करते ही सारी जानकारी नजर आएगी।