इंदौर न्यूज़ (Indore News)

585 स्कूटियों पर बैठाई जांच, दिव्यांगों की आ रही शिकायतें

  • 175 को किया चिह्नित, अधिकारियों को दौड़ा रहे घर-घर, रोजगार के नाम पर ली गई थी सहायता

इंदौर। पूर्व कलेक्टर इलैया राजा टी द्वारा संवेदनशीलता दिखाते हुए 585 दिव्यांगों को सशक्त बनाने के लिए रेट्रोफिटेड स्कूटियां उपलब्ध कराई गई थीं, लेकिन अब उनका दिव्यांगों द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है, जिसकी शिकायतें जिला प्रशासन स्थित विभाग तक पहुंच रही हैं। कलेक्टर ने 585 स्कूटी की जांच करने के साथ-साथ घर-घर जाकर वेरिफिकेशन करने के निर्देश दिए हैं। रोजगार और मदद के नाम पर दिव्यांगों को दी जा रही सहायता सही हाथों में पहुंची और इसका प्रयोग सही तरीके से किया जा रहा है या नहीं, इस पर जिला प्रशासन अब कड़ी नजर रखेगा। पूर्व में बांटी गई 585 स्कूटियों के साथ-साथ नवागत कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा दिए जा रहे दोपहिया वाहनों की सुविधा के पहले आवेदकों को कड़ी जांच से गुजरना होगा। वर्तमान में पिछली दो जनसुनवाई में लगभग 300 से अधिक आवेदन दोपहिया वाहनों की मांग को लेकर पहुंच चुके हैं। कलेक्टर सिंह ने सभी आवेदनों के वेरिफिकेशन के साथ-साथ दस्तावेजों की जांच करने के नियम जारी किए हैं। ज्ञात हो कि अब तक कलेक्टर कार्यालय में पहुंचने वाले 40 प्रतिशत से 80 प्रतिशत के दिव्यांगों को स्वीकृति दी गई थी, लेकिन अब कलेक्टर उन्हीं आवेदनों को स्वीकृत कर रहे हैं, जिनका वेरिफिकेशन किया जा रहा है।


पूर्व में बांटे वाहनों की जांच

पिछले एक साल के कार्यकाल में जिला प्रशासन ने 585 दिव्यांगों, विधवाओं और अनाथ बच्चों को दोपहिया वाहन मुफ्त में उपलब्ध कराए थे। अब प्रशासन के पास कई दिव्यांगों द्वारा वाहनों का दुरुपयोग करने, पाट्र्स अलग कर देने, रेडक्रॉस की पट्टी गायब कर देने या बिना नंबर वाहन दौड़ाने की शिकायतें पहुंच रही हैं, जिस पर संज्ञान लेते हुए सभी वाहनों के मालिकों की जांच की जा रही है। ज्ञात हो कि पूर्व में विधानसभा चुनाव के दौरान कई बड़े आयोजनों के माध्यम से राजनीतिक प्रतिनिधियों के हाथों वाहन बांट दिए गए थे, लेकिन इन पर नंबर प्लेट लगाने की प्रक्रिया बाकी रह गई थी। आरटीओ के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार सभी 585 वाहनों के नंबर जारी कर दिए गए हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि शहर में दौड़ रहे इन वाहनों पर अब तक कोई नंबर नहीं चढ़ाया गया है।

अन्य प्रदेशों से आने लगे आवेदक
इंदौर जिले में हो रही अभिनव पहल के चर्चे प्रदेश में ही नहीं, अन्य प्रदेशों में भी हो रहे हैं। अब तक धार, बड़वानी, खरगोन, शाजापुर सहित आसपास के जिलों से बड़ी तादाद में आवेदक स्कूटी की चाहत लेकर पहुंच रहे थे, लेकिन अब यह मामला प्रदेश स्तर पर पहुंच गया है। हाल ही में हुई जनसुनवाई में छत्तीसगढ़ के एक आवेदक ने स्कूटी की मांग की है। हालांकि उसका आवेदन निरस्त किया जाएगा या नहीं अभी तय नहीं है। कलेक्टर ने अन्य जिलों से मिले आवेदनों सहित 300 प्रकरणों पर जांच के निर्देश दिए हैं।

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