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खालिस्तान समर्थकों की कुंडली खंगाल रही जांच एजेंसियां, आरपार के मुड में सरकार

नई दिल्ली (New Delhi)। खालिस्तान समर्थक गतिविधियों (pro-Khalistan activities) पर केंद्र सरकार (Central government) के निर्देश के अनुरूप सुरक्षा व जांच एजेंसियां (Security and investigative agencies) आक्रामक रुख अपना रही हैं। कनाडा में सक्रिय खालिस्तान समर्थकों को बेनकाब करने के साथ ही एजेंसियां पूरे नेटवर्क को कई स्तरों पर खंगालने में जुटी हैं। एक तरफ एनआईए की जांच टीम (NIA investigation team) सक्रियता के साथ खालिस्तान समर्थकों की कुंडली खंगाल रही है। वहीं वित्तीय स्रोतों पर नकेल कसने और खलिस्तान से जुड़े संगठनों की फडिंग पर प्रहार के लिए फाइनेंसियल इंटेलिजेंस यूनिट, आईबी सहित अन्य एजेंसियां सक्रिय हो गई है।

माना जा रहा है कि अमृतसर में गृहमंत्री अमित शाह (Home Minister Amit Shah) ने उत्तरी क्षेत्र परिषद की बैठक से इतर पंजाब और हरियाणा के मुख्यमंत्री के अलावा अन्य संबंधित पक्षों से खालिस्तान गैंगस्टर गठजोड़ को लेकर भी चर्चा की और इसके नतीजे आने वाले दिनों में ताबड़तोड़ कार्रवाई के रूप में देखने को मिलेंगे।


पंजाब से कनाडा तक पूरा नेटवर्क कर रहा काम
सूत्रों का कहना है कि खालिस्तान गैंगस्टर गठजोड़ कई मायनों में खतरनाक हो गया है। ड्रग्स और हथियार की तस्करी, वसूली, हत्या जैसे अपराध से इकट्ठा किए जा रहे फंड का इस्तेमाल भारत विरोधी हरकतों में किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि कनाडा में खालिस्तान के समर्थन में भीड़ जुटाने के लिए पंजाब से कनाडा तक अपराधियों, तस्करों, गैंगस्टर्स और आतंकवादियों का पूरा नेटवर्क मिलकर काम करता है। कई अन्य देशों से भी इस तरह की गतिविधि चल रही है और आईएसआई की इसमें बड़ी भूमिका है।

बन चुका है एक गिरोह
सूत्रों की मानें, तो खालिस्तान समर्थकों का समूह अब एक गिरोह बन चुका है, जो नौजवानों को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। ये गिरोह ड्रग्स तस्करी समेत अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में इन युवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत में इस गैंग की ज्यादातर कोशिश एजेंसियों की सक्रियता से विफल हो रही है, लेकिन विदेशी जमीन से इनकी खतरनाक साजिश जारी है। इस समूह से जुड़े लोग सिख युवाओं को अलग अलग तरीके से मदद देकर कनाडा बुलाते है और उनका ब्रेनवाश कर फिर खालिस्तान के नाम पर चल रहे अवैध धंधे में शामिल कर लेते है।

हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी से फंडिंग
सूत्रों के मुताबिक एनआईए की ओर से अदालत में दी गई चार्जशीट से भी खुलासा हो चुका है कि खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों को हथियारों और मादक पदार्थों की तस्करी से मिले पैसों से फंडिंग की जा रही है। ये फिल्म इंडस्ट्री और स्पोर्ट्स तक में निवेश कर रहे हैं।

खालिस्तान गैंगस्टर गठजोड़ की जांच के दौरान लॉरेंस बिश्नोई के साथ खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों के हवाला लेनदेन के सबूत भी मिले थे। साल 2019 से 2021 के बीच लॉरेंस बिश्नोई समेत दूसरे गैंग्स और खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों के बीच 13 बार हवाला के जरिये 5 लाख से 60 लाख रुपये तक की रकम भेजी गई। गोल्डी बरार और सतबीर सिंह सैम को पैसे भेजे गए। अब एजेंसियां इनपर पूरी तरह नकेल कसने में जुट गई हैं।

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