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राज्‍यसभा सांसदों को विदेश दौरे की जानकारी केंद्र को देना जरूरी’; निर्देश जारी

नई दिल्ली (New Delhi)। सांसदों को निजी विदेश यात्रा (Private foreign travel for MPs) के दौरान विदेशी आतिथ्य स्वीकार करते समय सख्त दिशानिर्देशों का पालन करना होगा तथा केंद्र सरकार की पूर्व अनुमति लेनी होगी। यह जानकारी राज्यसभा सचिवालय (Rajya Sabha Secretariat) की ओर से गुरुवार को जारी नयी अधिसूचना में दी गयी है।

विदेश दौरा करने वाले सांसदों के लिए सरकार ने अहम अधिसूचना जारी की है। इसके अनुसार, जिन सांसदों को विदेश दौरे पर आतिथ्य का लाभ लेना है, उन्हें इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी पड़ेगी। सांसदों को स्पष्ट किया गया है कि आतिथ्य स्वीकार करते समय सख्त दिशानिर्देशों का पालन करें। राज्यसभा सचिवालय की तरफ से गुरुवार को जारी अधिसूचना में कहा गया, ताजा आदेशों के मुताबिक, सांसदों को आचार संहिता सहित मानदंडों का पालन करने की जरूरत होती है।

राज्यसभा की तरफ से जारी अधिसूचना के अनुसार, सांसदों को विदेश दौरे पर ऐसे उपहार नहीं लेने चाहिए, जिससे उनके कर्तव्यों का निर्वाह प्रभावित होता हो। ऐसा आतिथ्य स्वीकार नहीं करना चाहिए, जिससे सांसदों को ईमानदारी और निष्पक्षता से काम करने में अड़चन आने का खतरा हो।



अधिसूचना में तय किए गए मानदंडों के मुताबिक विदेश के तमाम निमंत्रण विदेश मंत्रालय (एमईए) के माध्यम से भेजे जाने की उम्मीद की जाती है। किसी भी देश की सरकार या किसी विदेशी इकाई से निमंत्रण सीधे मिलने पर सांसदों को इसे विदेश मंत्रालय को बताना होगा। कार्यक्रम में जाने के लिए मंत्रालय की जरूरी राजनीतिक मंजूरी भी लेनी होगी।

राज्यसभा सचिवालय की अधिसूचना के अनुसार, सांसदों को यह भी सलाह दी जाती है कि विदेशी आतिथ्य स्वीकार करने के लिए उन्हें गृह मंत्रालय के पास आवेदन भेजना चाहिए। यात्रा की प्रस्तावित तारीख से कम से कम दो सप्ताह पहले गृह मंत्रालय को इसकी जानकारी देनी होगी। अधिसूचना के मुताबिक, सांसदों को आतिथ्य स्वीकार करने से पहले मेजबान संगठन/संस्था की साख के बारे में खुद भी संतुष्ट होना चाहिए।

एक अन्य अधिसूचना में राज्यसभा महासचिव ने बताया, सांसदों से अनुरोध है कि वे अपनी विदेश यात्रा की जानकारी और यात्रा का मकसद बताएं। कम से कम 3 सप्ताह पहले राज्यसभा महासचिव को इसकी जानकारी देनी होगी। इसका मकसद विदेश मंत्रालय और संबंधित भारतीय मिशन/पोस्ट को इस संबंध में समय रहते सूचना देना है। सासंदों से यह भी अनुरोध किया गया है कि यात्रा कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के बाद सम्मेलन एवं प्रोटोकॉल अनुभाग के प्रभारी संयुक्त सचिव को ई-मेल करें।

दिशानिर्देश जारी किए जाने का समय काफी अहम और दिलचस्प माना जा रहा है। दरअसल, लोकसभा की आचार समिति ने तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश की है।

बता दें कि ‘संसद में सवाल के बदले पैसा’ विवाद में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर गंभीर आरोप लगे हैं। महुआ पर लोक सभा में सवाल पूछने के बदले दुबई के व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से “अवैध रिश्वत” लेने के आरोप हैं।

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