किश्तवाड़ । दच्छन में बादल फटने से पूर्व मचैल सेक्टर (East Machail Sector) में भी बाढ़ (Flooding) ने कहर बरपाया। गनीमत रही कि मचैल यात्रा पर रोक लगा दी गई थी, जिससे बड़ी त्रासदी होने से बच गई। बाढ़ से दरियाई नालों पर बने पांच पुल बह गए हैं। इससे गांवों का आपसी संपर्क कट गया है। इलाके में बिजली भी गुल हो गई है।
300 से ज्यादा लोग अलग-अलग जगहों पर अभी भी फंसे हैं, लेकिन सभी सुरक्षित हैं। प्रशासन के अनुसार राशन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। वैकल्पिक संपर्क मार्ग बनाकर फंसे लोगों को अपने घरों तक पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।
दच्छन के होंजड़ गांव में बुधवार तड़के 4:30 बजे बादल फटने से तबाही मची, लेकिन पाडर के मचैल सेक्टर में मंगलवार देर शाम से ही भीषण बाढ़ आ गई थी। सूचना मिलते ही प्रशासनिक टीमों ने पुलिस और स्थानीय लोगों के सहयोग से मंगलवार शाम से ही लोगों को सुरक्षित इलाकों में शिफ्ट करना शुरू कर दिया।
मचैल सेक्टर के एसडीएम वरणजीत चाढ़क ने बताया कि बाढ़ की सूचना मिलने पर मंगलवार सात बजे से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना शुरू कर दिया था। पुलिस और स्थानीय लोगों की टीमें बनाई गईं। तड़के तीन बजे से रेस्क्यू ऑपरेशन चला। यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी व्यक्ति खतरे वाली जगह पर न रहे।
गुलाबगढ़ में ठहराए गए 320 लोग
गुलाबगढ़ के अलग-अलग इलाकों में 320 लोग सुरक्षित स्थानों पर ठहराए गए हैं। मचैल यात्रा मार्ग पर भी 50 के करीब लोग मौजूद हैं, जो सुरक्षित हैं। यात्रा पर रोक लगाई गई थी, जिससे बड़ी त्रासदी टल गई। अब गांवों को वैकल्पिक संपर्क सुविधा देने के प्रयास चल रहे हैं, जिसमें कुछ समय लग सकता है।
