बरेली: उत्तर प्रदेश के बरेली में दो बच्चों की मां ने ससुराल पक्ष पर गंभीर आरोप लगाए है. महिला का कहना है- पति और सास ने मुझपर गर्भपात का दबाव बनाया. जेठ और देवर ने मेरे साथ अश्लील हरकतें करने की कोशिश की. यही नहीं देवर ने तो मुझे जान से भी मारने की कोशिश की. मुझे घर तक से निकाल दिया गया. दुख तो इस बात का है कि पुलिस ने मेरी कोई मदद नहीं की. अब सारी उम्मीदें बस कोर्ट से हैं. मैं उम्मीद करती हूं कि जज साहब मुझे न्याय जरूर देंगे.
मामसा विशारतगंज थाना क्षेत्र का है. यहां रहने वाली एक विवाहिता ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ मारपीट, दहेज उत्पीड़न और जान से मारने की धमकी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. महिला का आरोप है कि उसका निकाह वर्ष 2019 में कासगंज जिले के एक युवक से हुआ था. शादी में मायके वालों ने सामर्थ्य से बढ़कर दहेज दिया, जिसमें नकद रुपये, मोटरसाइकिल और जेवर शामिल थे.
निकाह के कुछ समय बाद ही महिला को पता चला कि उसका पति शराब का आदी है और आपराधिक गतिविधियों में शामिल रहता है. इसके बाद महिला को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाने लगा. ससुराल वाले दहेज में और रुपये की मांग करने लगे. महिला ने बताया कि जब उसकी एक बेटी हुई तो ससुराल पक्ष ने अस्पताल के खर्च के नाम पर मायके वालों से रुपये मांगे. महिला के मायके वालों ने किसी तरह कर्ज लेकर यह पैसे दिए. लेकिन इसके बावजूद ससुराल वालों का रवैया नहीं बदला.
महिला ने कहा कि जब वह दूसरी बार गर्भवती हुई तो उसकी सास और पति ने उस पर गर्भपात कराने का दबाव बनाया. किसी तरह वह मायके पहुंची और बेटे को जन्म दिया. बेटे के जन्म के बाद उसे दोबारा ससुराल ले जाया गया. बेटे के जन्म के बाद भी महिला को चैन नहीं मिला. ससुराल पहुंचते ही उसे प्रताड़ना का सामना करना पड़ा. महिला को परिवार से अलग कर दिया गया और कहा गया कि वह अपना खाना खुद बनाए और अपने खर्च खुद उठाए.
पीड़िता का आरोप है कि उसका जेठ उस पर गलत नजर रखता था और एक दिन उसने नजदीक आने की कोशिश की. जब महिला ने इसका विरोध किया तो ससुराल वाले और अधिक हिंसक हो गए. फिर 1 मई 2022 को उसे बच्चों समेत घर से निकाल दिया गया. महिला ने बताया कि 26 फरवरी 2025 की रात उसका देवर हथियार लेकर घर में घुस आया. उसने जान से मारने की धमकी दी और अश्लील हरकतें करने लगा. शोर मचाने पर आसपास के लोग आ गए, जिसके बाद आरोपी भाग निकला. महिला ने बताया कि उसने थाना विशारतगंज और एसएसपी बरेली से कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अंत में उसे मजबूर होकर न्यायालय की शरण लेनी पड़ी है. अब वह कोर्ट से न्याय की उम्मीद कर रही है.
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