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जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक लोकसभा से पास, गृहमंत्री ने विपक्ष को घेरा

नई दिल्ली। संसद के बजट सत्र के पहले चरण के आखिरी दिन शनिवार को लोकसभा में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 पास हो गया। राज्‍यसभा में यह बिल पहले ही पास हो चुका था। इससे पहले अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार काम गिनाए और विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने जम्मू कश्मीर में केंद्र सरकार के काम गिनाते हुए कहा कि आपकी चार पीढ़ी ने जितना काम किया है उतना काम हमने डेढ़ साल के अंदर किया है। 17 महीने में स्वास्थ्य क्षेत्र में काम हुए। पनबिजली परियोजनाओं में 3490 मेगवाट का काम हुआ। 100 फीसद लोगों को घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य प्राप्त हो गया है। 3,57,405 लोगों को 70 साल से बिजली नहीं मिली थी, उनको 17 महीने में बिजली देने का काम किया गया।


अमित शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर में वर्षों तक शासन करने वाले तीन परिवार बताएं कि उन्होंने वहां के लोगों के स्वास्थ्य के लिए क्या किया? मैं सदन को गौरव के साथ बताना चाहता हूं कि 17 महीने में हमने जम्मू कश्मीर में पीएमडीपी के तहत स्वास्थ्य मंत्रालय से 881 करोड़ रुपये की धनराशि भेज दी है। 75 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं, 2022 तक 39 अन्य परियोजनाएं पूरी हो जाएंगी।

गृह मंत्री ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर के उद्योग में सबसे बड़ी बाधा थी कि वहां कोई भी उद्योग लगाना चाहे तो उन्हें जमीन नहीं मिलती थी। 370 हटने के बाद, जमीन के कानून में हमने परिवर्तन किया और अब ऐसी स्थिति हुई है कि कश्मीर के अंदर उद्योग लग पाएंगे।

शाह ने बताया कि बैक टू विलेज कार्यक्रम के तहत जम्मू कश्मीर बैंक को 15,000 छोटे छोटे ऋण के मामले दिए गए हैं। मुझे बताते हुए आनंद है कि इनमें से लगभग 4600 महिला सहित 13,000 मामलों को ऋण देने का काम भी पूरा कर लिया गया है, वो अपनी छोटी छोटी इकाइयां स्थापित कर रहे हैं।

अमित शाह ने कहा कि 44,000 कश्मीरी पंडितों के परिवारों को जिनके पास राहत कार्ड है, उन्हें 13,000 रुपये प्रति महीने सरकार देती है। निशुल्क राशन देते हैं। ये हमारे समय में विस्थापित नहीं हुए। कांग्रेस इन्हें सुरक्षा नहीं दे पाई, इसलिए ये विस्थापित हुए। 3000 नौकरियां दे दी गईं हैं। 6,000 लोगों को कश्मीर घाटी में 2022 तक घर देकर हम बसा देंगे।

शाह ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख को राजनीति का हिस्सा हम न बनाएं। बहुत सारी चीजें हैं राजनीति करने के लिए। मगर ये देश का संवेदनशील हिस्सा है, उनको कई घाव लगे हैं। उनको मरहम लगाना हमारा काम है।

शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 जाने के बाद जम्मू कश्मीर में किसी के साथ भी अन्याय हो, ऐसी आशंका को ही समाप्त कर दिया गया है। 2014-15 से 2019 तक 4,164 करोड़ रुपये की राशि लद्दाख में भेजी गई है। 31-10-2019 से 31-03-2020 तक 3,518 करोड़ रुपये हम लद्दाख के लिए भेज चुके हैं। मैं फिर से जम्मू कश्मीर के लोगों से वादा करता हूं कि पूर्ण राज्य का स्टेटस आपको निश्चित मिलेगा। आपके राज्य का विकास जो अटक गया है, उसे पटरी पर चढ़ाकर पूर्ण राज्य का दर्जा जरूर वापस देंगे।

अमित शाह ने कहा कि कोरोना के कारण पूरी दुनिया मंदी के दौर से गुजर रही है। मनीष तिवारी आप पंजाब से आते हैं, वहां से आंकड़े देख लें। वहां आपकी सरकार (कांग्रेस) है या राजस्थान, छत्तीसगढ़ से के आंकड़े देख लें। जहां तक मंदी का सवाल है, तो जम्मू-कश्मीर इन सभी से बेहतर कर रहा है।

अमित शाह ने यह भी कहा कि कोई भी नहीं, हमारे प्रतिद्वंद्वी भी नहीं कह सकते कि चुनाव (डीडीसी) के दौरान धोखाधड़ी या अशांति हुई। सभी ने निडर और शांति से मतदान किया। पंचायत चुनाव में 51% वोट पड़े। जिन्होंने अनुच्छेद 370 वापस लाने के आधार पार चुनाव लड़ा, वो साफ हो गए।

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि सही समय पर जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिया जाएगा। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि किसके दबाव में अनुच्छेद 370 को इतने समय तक जारी रखा? आप 17 महीने में हिसाब मांगते हैं, 70 साल तक जब अस्थायी अनुच्छेद 370 चली उस वक्त हिसाब क्यों नहीं मांगते थे? अस्थायी प्रावधान को खत्म नहीं किया क्योंकि वोट बैंक की राजनीति करनी थी।

इससे पहले अमित शाह ने कांग्रेस पर अनुच्छेद 370 को लकेर निशाना साधते हुए कहा कि हमसे पूछा गया कि अनुच्छेद 370 हटाने के वक्त जो वादे किए गए थे उसकी दिशा में क्या किया गया? अनुच्छेद 370 हटे हुए 17 महीने हुए और आप हमसे हिसाब मांग रहे हैं, 70 साल आपने क्या किया इसका हिसाब लेकर आए हो? अगर 70 साल ढंग से चलाते तो हमसे हिसाब मांगने का समय ही नहीं आता। जिनको पीढ़ियों तक शासन करने का मौका दिया वो अपने गिरेबान में झांक कर देखें कि हम हिसाब मांगने के लायक हैं या नहीं।

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