नई दिल्ली (New Delhi)। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ का महीना वैशाख मास के समाप्त होते ही शुरू हो जाता है. यह हिंदू कैलेंडर का तीसरा महीना है. इस महीने में सूर्य अत्यंत ताकतवार हो जाता है और गर्मी भयंकर पड़ती है. सूर्य की ज्येष्ठता के कारण इस महीने को ज्येष्ठ का माह कहते हैं. इस मास में सूर्य और वरुण देव की उपासना विशेष फलदायी होती है.06 मई 2023 से ज्येष्ठ माह (Jyeshta Month) शुरू हो चुका है.इस दिन 1 महीने में कुछ ऐसे काम है जो भूलकर भी नहीं करना चाहिए, नहीं तो घर की बरकत चली जाती है और दरिद्रता (poverty) का साया बना रहता है.
शास्त्रों के अनुसार ज्येष्ठ माह में एक समय सोना चाहिए, कहते हैं इस महीने में दोपहर में सोने से रोग उत्पन्न होने लगते हैं. इस माह में गर्मी का प्रकोप रहता है ऐसे में धूप में घूमना-फिरना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. इसलिए घर से बाहर निकलने पर ठंडी चीजों का सेवन करें.
ज्येष्ठ माह में वरुण देव (Varun Dev) की पूजा की जाती है, ऐसे इस महीने जल की बर्बादी भूलकर भी न करें. ऐसा करने पर धन हानि होने लगती है, पानी की तरह पैसा भी बहने लगता है. दरिद्रता पीछा नहीं छोड़ती.
ज्येष्ठ माह के मंगलवार का विशेष महत्व है, इसे बड़ा मंगल कहा जाता है. ऐसे में खासकर इस महीने के मंगलवार के दिन पैसे उधार न दें. इस दिन कर्ज देने से उसके वापस मिलने की संभावना काफी कम हो जाती है.
ज्येष्ठ महीने में बैंगन, राई, लहसुन, गर्मी करने वाली सब्जियां खाने से दोष लगता है. साथ ही स्वास्थ के लिए भी ये अच्छा नहीं है. ऐसा करने पर पेट संबंधी समस्याएं होने लगती है.
ज्येष्ठ के महीने में कोई व्यक्ति जल, अन्न की इच्छा रखता हो तो उसे खाली हाथ न लौटाएं. ऐसा करने पर मां लक्ष्मी और पितर रूष्ठ हो जाते हैं. इससे संतान और दांपत्य जीवन में दुख झेलना पड़ते हैं.
नोट- उपरोक्त दी गई जानकारी व सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के आधार पर पेश की गई है हम इन पर किसी भी प्रकार का दावा नहीं करते हैं.
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